- केजीएमयू प्रशासन ने कहा मरीजों के फायदे के लिए उठाया कदम

LUCKNOW: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, एक साल तक चलने वाले रजिस्ट्रेशन कार्ड की वैधता अब केवल छह माह तक की कर दी गई है। सबसे ज्यादा असर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों पर पड़ेगा। उधर, केजीएमयू प्रशासन शुल्क वृद्धि को राम मनोहर लोहिया संस्थान के समकक्ष लाने का एक और प्रयास बता रहा है। मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाना पड़ता है। ऑनलाइन ओपीडी के तहत मरीजों से भ्0 रुपए का फीस ली जाती थी। वहीं, ओपीडी पर्चा एक रुपए का बनता है जो कि दो हफ्तों तक वैध होता है। रजिस्ट्रेशन कार्ड खो जाने पर दोगुना फीस देनी पड़ती है।

ऑनलाइन मिलती थी डिटेल

रजिस्ट्रेशन कार्ड पर मरीज एक साल तक अपना इलाज करवा सकता था। उसकी बीमारी से संबंधित सारी डिटेल भी ऑनलाइन अपडेट होती रहती थी। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को यह फीस भी भारी पड़ती थी कि अचानक केजीएमयू प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन की वैधता का समय भी कम कर दिया। छह माह में रजिस्ट्रेशन करवाने पर मरीजों की परेशानी थोड़ी बढ़ जाएगी। पीजीआई में रजिस्ट्रेशन फीस फ्ख्ख् रुपये है जो कि छ: माह तक वैध रहता है, वहीं डॉ.राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में क्भ्0 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस है जो कि तीन माह तक वैध रहता है। केजीएमयू के सीएमएस डॉ.एससी तिवारी ने बताया कि अभी भी केजीएमयू में रजिस्ट्रेशन फीस पीजीआई और राम मनोहर लोहिया संस्थान से बहुत कम है। केजीएमयू में छ: माह तक वैधता का कारण है फंड जेनरेट करना, जो कि मरीजों के लिए इस्तेमाल करना है। दूसरी बात ये कि कई बार मरीज रजिस्ट्रेशन कार्ड खो देते थे, जिसकी वजह से उन्हें दोगुनी फीस देनी पड़ती थी। इन सब चीजों से बचने के लिए छ: माह तक वैधता कर दी गई है।