- सूबे के 138 राइस मिलर्स पर कुर्की का आदेश

-खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने की कार्रवाई

PATNA: सरकार का धान के बदले चावल नहीं लौटाने वाले राज्य के क्फ्8 राइस मिलर्स पर अब कूर्की की कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने दोषी मिलरों के विरुद्ध कुर्की-जब्ती करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश को मानते हुए सरकार अब मिलर्स पर कार्रवाई करने वाली है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य खाद्य निगम के स्तर से डिफॉल्टर राइस मिलर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। डिफॉल्टर राइस मिलरों पर कार्रवाई के लिए बीस जिलों के आरक्षी अधीक्षकों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

जिला स्तर पर होगी कार्रवाई

अगले सप्ताह से जिला स्तर पर कार्रवाई आरंभ होगी। इसके लिए अनुमंडल अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। इस टीम में डीएसपी रैंक के एक अफसर और जिला आपूर्ति पदाधिकारी भी शामिल हैं। भोजपुर, औरंगाबाद, जहानाबाद, नालंदा, रोहतास, कैमूर, बक्सर, नवादा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, बांका, खगडि़या, सुपौल, मधेपुरा, मोतिहारी, सहरसा, सीतामढ़ी, बेतिया और शिवहर जिले के आरक्षी अधीक्षकों और जिलाधिकारियों को डिफॉल्टर राइस मिलर्स पर कार्रवाई करने को कहा गया है। निर्देश दिया गया है कि वे व्यवहार न्यायालय में संबंधित राइस मिलर्स की जमानत रद कराने की कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। अगले सप्ताह से कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट भी मांगी गई है।

मिलर्स ने तीन साल का चावल पचाया

राइस मिलर्स ने वर्ष ख्0क्क्-क्ख्, ख्0क्ख्-क्फ् और ख्0क्फ्-क्ब् में राज्य खाद्य निगम से कुटाई के लिए धान लिया था, लेकिन अब तक निगम को न ही चावल दिया और न ही चावल के बदले राशि का ही भुगतान किया। भुगतान के लिए दबाव बनाने पर मिलर्स ने पटना उच्च न्यायालय में जाकर स्टे आर्डर प्राप्त कर लिया था। इसके बाद निगम ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर कर उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया और राज्य सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

क्ख्7क्.ब्म् करोड़ में से सिर्फ 8म्.क्ख् की वसूली

मिलर्स से 8म्.क्ख् करोड़ की वसूली

राज्य खाद्य निगम की ओर से वसूली संबंधी कार्रवाई में जनवरी तक राइस मिलर्स से 8म्.क्ख् करोड़ की वसूली की गई है। हालांकि वसूली की यह रकम मिलर्स पर बकाया क्ख्7ख्.ब्म् करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम है। बीते दो साल में मिलर्स से कुल बकाया में से ख्7ब्.ब्भ् करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। जबकिक्फ्79 मिलर्स में से क्क्ब्भ् पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।