-खेल एसोसिएशन को आफिस मिलने से खेल गतिविधियों में आएगी तेजी

-वेबसाइट पर काम में रहेगी ट्रांसपैरेंसी, इंफ्रास्ट्रक्चर की अभी भी है कमी

PATNA : बिहार में खेल का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, लेकिन पिछले आठ- दस सालों में खेल की स्थिति में बहुत गिरावट आई है। यहंा खेल के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। इसके साथ ही सरकार की ओर से खेल की प्रतियोगिताओं के आयोजन का अभाव है। यही वजह है कि यहां खेल और खिलाडि़यों दोनों की स्थिति में गिरावट आई है। हालांकि खेल एसोसिएशन की सक्रियता ने माहौल को बिल्कुल शून्य होने से बचाने में अहम भूमिका निभाई है।

एसोसिएशन है तो खेल है

बिहार कबड्डी संघ के सेकेट्री कुमार विजय का कहना है कि खेल की स्थिति में सुधार के लिए एसोसिएशन की भूमिका सबसे अधिक रही है। खेल के आयोजन, खिलाडि़यों के खेल में तकनीकी सुधार और उनके प्रदर्शन को प्रचारित करना-ये सभी एसोसिएशन के माध्यम से ही होता है। इमसें विभिन्न खेल संघों ने अपना योगदान किया है। एक बार नहीं, ऐसा कई बार हुआ है कि समय पर ग्रांट नहीं मिला लेकिन फिर भी खेल के लिए एसोसिएशन सक्रिय रहे हैं।

ट्रेनिंग में होगा सुधार

बिहार जूडो संघ के सेक्रेट्री रामउदय सिंह ने कहा कि हाल ही में पाटलिपुत्रा स्पो‌र्ट्स काम्पलेक्स में खेल संघों को आफिस मिलना एक बड़ी घटना है। अब न केवल खेल से संबंधित मामलों के बेहतर निष्पादन में तेजी आएगी, बल्कि स्टेडियम में आफिस होने से ट्रेनिंग की क्वालिटी में भी बहुत सुधार होगा। इससे संबंधित खेल एसोसिएशन के काम में तेजी आएगी। बिहार बास्केटबॉल एसोसिएशन के सेक्रेट्री सुशील कुमार ने बताया कि नए खेल सेक्रेट्री के आने से खेल विभाग के कई जरूरी कायरें को निपटाने में अब तेजी आएगी। वे स्वंय एसोसिएशन की चिंताओं से अवगत होते रहते हैं।

काम में ट्रांसपैरेंसी

पाटलिपुत्रा स्पो‌र्ट्स काम्पलेक्स में खेल एसोसिएशन के आफिसों के उद्घाटन के साथ ही एसोसिएशन के वेबसाइट का भी उद्घाटन किया गया। इस बारे में बिहार कबड्डी संघ के सेकेट्री कुमार विजय ने कहा कि सब काम में पारदर्शिता है। एसोसिएशन के ग्रांट और खर्चे से संबंधित जानकारी भी इसपर मौजूद रहेगा। क