- नगर निगम कर्मियों में बढ़ी बैचेनी

- प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ते कदम

आगरा। नगर निगम में आउटसोर्सिग पर लगातार काम बढ़ते जा रहे हैं। सफाई का कामकाज पहले ही एक प्राइवेट कंपनी को दिया जा चुका है। इसके बाद शहर की स्ट्रीट लाइटों का भी काम एक प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। ये कंपनी बहुत जल्दी ही स्ट्रीट लाइटों का काम संभाल लेगी। नगर निगम के कदम प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं। इस आउटसोर्सिग की दखल ने कर्मचारियों की बेचैनी भी बढ़ा दी है। हालांकि अधिकारी सफाई और स्ट्रीट लाइट की सेवा बेहतर करने की बात कहकर अपना पक्ष रख रहे हैं।

सेवाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

नगर निगम का मुख्य काम शहर की साफ-सफाई और स्ट््रीट लाइट का बेहतर रखरखाव है। ये दोनों सेवाएं सीधे तौर पर पब्लिक से जुड़ी होती हैं। पिछले कई दशकों से सेवाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। शहर में सफाई का आलम यह है कि करीब 3 हजार नियमित कर्मी कार्यरत हैं और वहीं लगभग 2 हजार अस्थायी सफाई कर्मी काम कर रहे हैं। इसके बाद भी शहर के चारों ओर गंदगी फैली हुई है। इस गंदगी से वातावरण को नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत साफ-सफाई का आदेश दिया गया।

बंद पड़ी हैं स्ट्रीट लाइट

पुराने ढर्रे में काम कर रहे नगर निगम को आधुनिक संसाधनों के साथ काम करना मुश्किल हुआ, तो सफाई व्यवस्था निजी हाथों में दे दी। इसी तरह सड़कों से अंधेरा दूर करने के लिए शहर में लगभग 38 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। इनमें भी अधिकांश लाइटें बंद या बुझी हुई हैं। इन्हें नगर निगम का प्रकाश विभाग सुधार नहीं पा रहा है। इस सुविधा को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर फैसला ले लिया है। शहर की स्ट्रीट लाइट अब एक प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी की जा रही है। कागजी प्रक्रिया चालू भी हो गई है। दोनों सर्विस आउटसोर्सिग को देने से अब नगर निगम के कर्मियों में बेचैनी बढ़ गई है। वे इसे नगर निगम प्राइवेटजेशन मानते हुए विरोध में भी उतर रहे हैं। नगर निगम कार्यालय में मंगलवार को एक प्रदर्शन भी किया।

1- सफाई का ठेका हरीभरी को

नगर निगम ने शहर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी हरीभरी को सौंप दी है। कंपनी ने ताजगंज एरिया से सफाई का काम शुरू भी कर दिया है। उसे दिसंबर महीने तक पूरे शहर से कचरा उठाने का टारगेट दिया गया है। इसके बाद नगर निगम के करीब 3 हजार सफाई कर्मियों के हाथ से काम छीन जाएगा।

2- स्ट्रीट लाइट बदलेगा ईईएसएल

शहर में लगभग 38 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। इनर्जी सेविंग के लिए लाइटों को एलईडी में बदलना है। इस काम को ईईएसएल (इनर्जी इफीसेंसी सर्विस लिमिटेड) को सौंपा जा रहा है। इसको लेकर राज्य सरकार की कैबिनेट निर्णय भी ले चुकी है। ऐसे में नगर निगम के बिजली विभाग के स्थायी कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ने लगी है।

कर्मियों ने जताया विरोध

नगर निगम लगातार आउटसोर्सिग की ओर बढ़ रहा है। ये निगम कर्मियों के अधिकारों का हनन भी है। कर्मियों को अपडेट करके उनसे ही काम लेना चाहिए। हम लगातार विरोध कर रहे हैं।

सुंदर बाबू चंचल, कर्मचारी नेता, नगर निगम

नगर निगम का एक नियमित कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कर्तव्यों का निर्वहन करता है। जबकि आउटसोर्सिग के लोगों में नगर निगम के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। आउटसोर्सिग को रोकना चाहिए।

विनोद इलाहाबादी, कर्मी, नगर निगम

नगर निगम में पर्याप्त कर्मचारी हैं। उन्हें आधुनिक तकनीक से अपडेट करके काम किया जा सकता है। वे जिम्मेदारी के साथ बेहतर काम कर सकते हैं। इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

विकास पाठक, कर्मी, नगर निगम

निगम के प्राइवेटाइजेशन जैसी कोई बात नहीं है। पहले भी बेहतर काम के लिए जरूरत के अनुसार आउटसोर्सिग होती रही है। वहीं आज भी हो रहा है।

विजय कुमार, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, आगरा