PATNA : बिल्डरों के झांसे में आकर अपने भूखंड में अपार्टमेंट या व्यवसायिक काम्पलेक्स बनाया तो कैपिटल टैक्स का फंदा गले में पड़ जाएगा। आयकर विभाग ने ऐसी व्यवस्था बनाई है जिससे बिल्डर्स एवं डेवलपर्स भूखंड के स्वामियों से समझौता कर कोई निर्माण नहीं कर सकते हैं। आयकर विभाग का तर्क है कि यह ऐसेट ट्रांसफर का मामला है और हर हाल में कैपिटल टैक्स चुकाना ही होगा। ऐसे मालिकों के खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने चलाया था अभियान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बिल्डरों के खिलाफ ऑपरेशन बिल्डर अभियान चलाकर कई बड़ा खुलासा किया था। इसमें ऐसे मामले भी उजागर किए गए थे जिसमें बिल्डरों ने बिना किसी नियम के जमीन मालिकों से समझौता कर बड़ी इमारत खड़ी कर ली है। एक दो नहीं ऐसे दर्जनों मामलों का खुलासा किया गया था। इसके बाद से ही बिल्डरों और मनमानी करने वाले भूखंड स्वामियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बिहार एवं झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने शनिवार को कहा कि बिहार शायद देश का पहला राज्य है, जहां लोग अपनी जमीन को डेवलप करने के लिए बिल्डरों एवं डेवलपर्स के साथ मालिकाना हक तो स्थानांतरित करते हैं लेकिन आयकर विभाग को कोई टैक्स नहीं चुकाते हैं। उन्होंने कहा कि जब लोग अपनी जमीन सौंपते हैं तो अपनी जमीन का 50 प्रतिशत मालिकाना अधिकार भी बिल्डर एवं डेवलपर्स को सौंपा जाता है। घुमरिया ने बताया कि बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व बिल्डर्स एसोसिएशन के साथ बैठक कर उन्हें आयकर की जानकारी दी गई।