PATNA : सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर हाईटेक सड़कों के लिए बजट का पैकेज तैयार कर लिया है। इसमें ऐसी सड़कों को लेकर प्लान है जिस पर दुर्घटना की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी। इन सड़कों को ऐसे डिजाइन किया जाएगा जो ग्रिप के साथ दुर्घटना रोकने में काफी सहायक होगा। यह ऐसे ग्रिप होंगे सड़क पर वाहन के पहिए को फिसलने से रोकेंगे। इससे सड़क दुर्घटना की संख्या में भारी कमी आएगी।

पहले बदनाम थी सड़कें

सरकारी आंकड़ों में बताया जा रहा है कि एनडीए के 12 वषरें के कार्यकाल में सड़कों पर 1.19 लाख करोड़ खर्च किया गया था। प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का कहना है कि एनडीए के 12 वषरें के कार्यकाल में बिहार की सड़कों पर 1.19 लाख करोड़ खर्च किए गए जबकि राजद के 15 वषरें में मात्र 6.71 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। तब पूरे देश में सड़कों को लेकर बिहार बदनाम था। लोगों को कहना था कि पटना सहित प्रदेश में सड़के कम और गड्ढे ज्यादा है। लोगों का यह भ्रम अब टूटने वाला है। केवल इस साल सड़कों पर सरकार 17 हजार 91 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें सड़कों का ऐसा प्लान है जो सुविधा के साथ दुर्घटना पर भी पूरी तरह से अंकुश लगाने वाली होगी।

-गढ्डे वाली सड़कों से होती है दुर्घटना

डिप्टी सीएम ने पुरानी गड्ढे वाली सड़कों को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि पुरानी सड़कों को मरम्मत कर चलाया जाता है जिससे दुर्घटना बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि एक वह भी दौर था जब नई सड़कों के निर्माण से ज्यादा सड़कों की मरम्मत पर खर्च किया जाता था, फिर भी गढ्डे में सड़क है या सड़कों में गढ्डा है, पता ही नहीं चल पाता था। इससे एक तरफ धन खर्च करने के बाद भी सड़कों का हाल बेहाल होता था और दुर्घटना के ग्राफ पर भी अंकुश नहीं लग पाता था।

-सड़कों की मरम्मत पर किया गया ज्यादा खर्च

डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार अगर पहले से ही गंभीर रहती तो सड़कों का मॉडल बनकर तैयार हो चुका होता जिससे दुर्घटना तो थमती ही लोगों की यात्रा भी सुलभ हो जाती, लेकिन सड़क बनाने से अधिक पैसा मरम्मत पर ही खर्च कर दिया गया। 1990-91 में नई सड़कों के निर्माण पर 67 तथा रिपेयर पर 96 करोड़, 93-94 में यह अनुपात 77 और 113 करोड़ तथा 95-96 में 42 और 127 करोड़ था। अगर नए प्लान पर काम किया गया होता तो ग्रिप वाली सड़कों का विस्तार हो गया होता।

-एक साल में पांच हजार की मौत

सुशील कुमार मोदी का कहना है कि सड़क दुर्घटना रोकने की दिशा में भी सरकार बड़ी पहल कर रही है। पिछले एक साल में बिहार में सड़क दुर्घटना में 5 हजार लोगों की मौत हो गई थी। अब ऐसी सड़क बनाई जाएगी जो सुरक्षा के साथ साथ हर दृष्टिकोण से फायदेमंद होगी। सड़क सुरक्षा को लेकर दुर्घटना के ग्राफ को कम करने में सहायक सड़कों का पटना से लेकर बिहार में विस्तर किया जाएगा।