-बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत की गई

PATNA: बिहार ने तीसरे कृषि रोडमैप में खरीफ के साथ रबी फसलों के भी बंपर उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। कृषि मंत्री डॉ। प्रेम कुमार ने गुरुवार को बामेती मे महाभियान सह-महोत्सव की शुरुआत की। इस दौरान मंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में क्फ्म्.80 लाख मीट्रिक टन रबी फसलों के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें गेहूं के लिए 8ख् लाख मीट्रिक टन और मक्का के लिए फ्म् लाख मीट्रिक टन का अनुमान है।

अलग-अलग टीमें बनाई गई

रबी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता का लक्ष्य तय करने के लिए राज्यस्तरीय दो दिवसीय कर्मशाला के पहले दिन राज्य में जैविक कोरिडोर के निर्माण, अगले पांच वर्षो में किसानों की आय दुगुनी करने, बाढ़-सुखाड़ का प्रबंधन, फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रबंधन के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं। प्रत्येक टीम में कृषि वैज्ञानिक, विभाग के पदाधिकारी, प्रगतिशील किसानों को शामिल किया गया.कृषि मंत्री ने बताया कि 9 अक्टूबर को सभी प्रमंडलों में रबी महोत्सव का आयोजन होगा। इसमें किसानों को तेलहन, दलहन एवं मक्का के साथ बागवानी फसलों, गेहूं एवं संबंधित बीजों और दूसरे उपादान उपल?ध कराए जाएंगे। पहले दिन किसानों को उन्नत तकनीक और कृषि से संबंधित अनुदान की जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम को कृषि उत्पादन आयुक्त सुनिल कुमार सिंह, विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, कृषि निदेशक हिमांशु कुमार राय एवं उद्यान निदेशक अरविंदर कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस दौरान विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।

किसानों से ली जाएगी सलाह

रबी महोत्सव में किसानों से भाग लेने की अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में किसानों से उनकी समस्याओं एवं विशेष फसल योजना पर सलाह ली जाएगी। इसके लिए प्रखंडों में बॉक्स में किसान अपना सुझाव दे सकते हैं, जिस पर संबंधित अधिकारी गंभीरता से अमल करेंगे। इसी तरह किसानों की आय बढ़ाने के लिए पंचायत स्तर पर महाचौपाल लगाने की तैयारी की जा रही है।

राष्ट्रपति कर सकते हैं लॉन्च

बिहार के तीसरे कृषि रोडमैप को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ख्ख् अक्टूबर को लॉन्च कर सकते हैं। इसके लिए कृषि मंत्री ने दावा किया है कि इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति का समय लेने की पहल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी महीने जैविक कोरिडोर का उद्घाटन भी कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बिहार के प्रथम एवं दूसरे कृषि रोडमैप को भी तत्कालीन राष्ट्रपतियों ने लॉन्च किया था।