-बिहार सरकार की अपील पर टीचर्स का पक्ष जानेगी कोर्ट

-दर्जनभर शिक्षक संगठन सरकार की अपील के विरोध में

क्कन्ञ्जहृन्: बिहार के करीब साढ़े 3 लाख नियोजित टीचर्स को समान काम के बदले समान वेतन से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और उदय उमेश ललित की कोर्ट में सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने करीब डेढ़ वर्ष पहले पंजाब और हरियाणा से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए पहली बार समान काम के बदले समान सुविधा देने के निर्देश संबंधित स्टेट गवर्नमेंट को दिए थे। जिसके बाद बिहार के करीब दर्जन भर नियोजित शिक्षक संगठनों ने भी सरकार के समक्ष समान काम के बदले समान सुविधा का मामला उठाया।

15 हजार करोड़ का पड़ेगा बोझ

सरकारी स्तर पर हल नहीं होने पर शिक्षक संगठनों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की। पिछले वर्ष 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित टीचर्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान सुविधा प्रदान करने को कहा। कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को ज्ञात हुआ कि समान काम के बदले समान सुविधा देने पर सरकार को अतिरिक्त15 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी।

शिक्षक संगठन रखेंगे अपना पक्ष

बिहार सरकार ने संसाधनों की कमी का हवाला देकर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। बिहार सरकार की अपील के विरोध में शिक्षकों ने कैविएट दायर की। जिस मामले में सोमवार को पहली सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और उदय उमेश ललित की कोर्ट पहली सुनवाई में शिक्षकों का पक्ष जानेगी। परिर्वतनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने बताया कि दर्जनभर शिक्षक संगठन सोमवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।

नियोजित टीचर्स ने किया हवन

ARA/PATNA: समान काम के बदले समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। इसके लिए रविवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले नियोजित टीचर्स ने रमना स्थित हनुमान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन किया। संगठन के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार मंटू ने कहा कि भगवान पर आस्था और विश्वास है कि फैसला टीचर्स के पक्ष में आएगा। उन्होंने कहा समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षक सड़क से लेकर सदन तक लड़ रहे हैं। हवन के बाद लोगों के बीच लड्डू बांटा गया। राजेश कुमार सिंह, अरुण सिंह, गोरखनाथ सिंह, शैलेन्द्र कुमार सिंह और निर्भय सिंह आदि मौजूद थे।