RANCHI: मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में खराब रिजल्ट के बाद राज्य सरकार ने भी निजी स्कूलों की तरह हाई व प्लस टू स्कूलों में भी वीकली और मंथली टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसके तहत स्कूलों में साल भर के लिए परीक्षाओं का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर (एसओपी) जारी किया है। सभी आयुक्तों, उपायुक्तों, आरडीडीई व डीईओ को पत्र भेजकर इसे स्कूलों में सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है। गौरतलब हो कि इन सरकारी स्कूलों में अभी तक सिर्फ वार्षिक परीक्षाएं ली जाती थीं।

हर मंडे को वीकली टेस्ट

राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी के तहत स्कूलों में हर सोमवार को क्रमवार विषय के अनुसार विद्यार्थियों के टेस्ट लिए जाएंगे। यदि प्रथम सोमवार को गणित विषय का टेस्ट लिया जाता है, तो अगले सप्ताह हिन्दी या अन्य भाषा का टेस्ट लिया जाएगा। साप्ताहिक टेस्ट में विगत एक सप्ताह में पढ़ाये गए पाठों के आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे। इसी तरह, प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को स्कूलों में मासिक परीक्षा होगी, जिसमें उस माह पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी स्कूलों में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में अ‌र्द्धवार्षिक तथा मार्च के द्वितीय सप्ताह में वार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएगी।

7भ् परसेंट अटेंडेंस जरूरी

एसओपी में यह भी तय किया गया है कि मैट्रिक व इंटरमीडिएट के परीक्षा फार्म भरने की अनुमति वैसे विद्यार्थियों को ही दी जाएगी, जिनकी उपस्थिति कक्षाओं में न्यूनतम 7भ् प्रतिशत रही हो। इससे कम कक्षाएं करनेवाले विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परीक्षा फार्म भराने से पहले टेस्ट भी लिया जाएगा। साप्ताहिक, मासिक, अ‌र्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न के लिए प्रश्न बैंक राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। यह भी तय किया गया है कि जून, सितंबर, दिसंबर तथा मार्च माह के तृतीय सप्ताह के गुरुवार को अभिभावकों की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें अभिभावकों को उनके बच्चों के संबंध में आवश्यक जानकारी व सुझाव दिए जाएंगे। स्कूलों में प्रत्येक शिक्षक द्वारा इस एसओपी के आधार पर प्रतिदिन पढ़ाए जानेवाले पाठ के नोट्स तैयार किए जाएंगे, जिनके आधार पर ही वे बच्चों को पढ़ाएंगे। एसओपी के तहत बच्चों को सप्ताह में न्यूनतम एक दिन पुस्तकालय व प्रयोगशाला भेजा जाएगा।