बनारस के बुनकर पहुंचे ऑनलाइन

बनारस के बुनकरों ने अब बिचौलियों के द्वारा उद्योग करने की अपेक्षा ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया है. इससे बनारसी साड़ियों के शौकीनों को कम दाम और ज्यादा अच्छी क्वालिटी की साड़ियां मिल सकती हैं. गौरतलब है कि इससे पहले बुनकरों को बिचौलियों के भरोसे रहना पड़ता था जो देशभर में साड़ियां सप्लाई करते हैं. इस वर्किंग मॉडल में बुनकरों को साड़ियों के बाजार भाव की तुलना में काफी कम पैसा मिलता है.

फ्लिपकार्ट और वस्त्र मंत्रालय के बींच हुआ करार

ऑनलाइन रिटेलिंग साइट फ्लिपकार्ट और वस्त्र मंत्रालय के बींच इस सुविधा के लिए करार हुआ है. इसके अंतर्गत हैंडलूम बुनकरों को ऑनलाइन बिजनेस से जोड़ने की कोशिश की जाएगी. हैंडलूम बुनकरों को ऑनलाइन बिजनेस की ट्रैनिंग देने के लिए फ्लिपकार्ट ने बुधवार को बनारस में एक टीम तैनात की थी. इस बारे में बुनकर सेवा केंद्र के प्रभारी तपन शर्मा और कंपनी के एसोशिएट डायरेक्टर किंशु सिन्हा ने बताया है कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है. इसके अंतर्गत पहले फेज में 100 बुनकरों को ऑनलाइन ट्रेडिंग से जोड़ा जाएगा. इसके बाद बुनकरों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा. बुनकर सेवाकेंद्र में रजिस्टर्ड प्रॉडक्ट्स की फोटोग्राफी, मैटेरियल और पैकेजिंग से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.

बुनकर बना सकते हैं अपना ब्रांड

इस सेवा के तहत बुनकर अपना ब्रांड स्वयं चुन सकते हैं. गौरतलब है कि इसके लिए फ्लिपकार्ट उन्हें ऑनलाइन बिक्री करना भी सिखाएगा. इसके लिए फ्लिपकार्ट की एक टीम को बनारस में रहेगी. इस सेवा से सिर्फ वही बुनकर जुड़ पाएंगे जो हैंडलूम मार्क, सिल्क मार्क और जीआई मार्क वाले बनारसी ड्रेस मैटेरियल बनाते हैं. इसके अलावा प्रॉडक्ट के बिकने पर प्रति बिक्री के हिसाब से फ्लिपकार्ट बुनकरों से कमीशन लेगी. आगे चलकर इस योजना से पारंपरिक बनारस के प्रॉडक्ट जैसे लकड़ी के खिलौने, हैंडीक्राफ्ट और पीतल का सामान भी ऑनलाइन लाया जाएगा.

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