-सोलर एनर्जी प्लांट के लिए इंस्टीट्यूट ने एज्योर कंपनी से 25 साल के लिए किया करार

-कंपनी 3.91 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली देगी, संस्थान को सालाना 18 लाख की बचत होगी

KANPUR: नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट(एनएसआई) में पॉवर कट से रिसर्च व‌र्क्स प्रभावित नहीं होंगे। आईआईटी की तरह एनएसआई परिसर भी सोलर एनर्जी से रोशन होगा। बुधवार को एनएसआई ने सौर ऊर्जा प्लांट लगाने वाली एज्योर कंपनी से करार कर लिया। यह कंपनी संस्थान को 3 रुपए 91 पैसे प्रति यूनिट पर सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली देगी। इस करार से शुगर इंस्टीट्यूट को हर महीने डेढ़ लाख और साल में करीब 18 लाख रुपए का फायदा होगा। सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली एकेडमिक बिल्डिंग व हास्टल को आपूर्ति की जाएगी। यह जानकारी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो नरेन्द्र मोहन अग्रवाल ने दी। आईआईटी के बाद एनएसआई सिटी का दूसरा शैक्षणिक संस्थान होगा जहां पर सौर ऊर्जा पर फोकस किया गया है।

25 साल के लिए कंपनी से करार किया

डायरेक्टर प्रो। अग्रवाल ने बताया कि कंपनी सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली की सप्लाई मार्च से कैंपस में शुरू कर देगी। कंपनी को सिर्फ एकेडमिक बिल्डिंग की छत व हॉस्टल की छत उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा जब कभी सोलर पैनल की धुलाई करनी होगी तो फिर पानी की आपूर्ति करनी होगी। अभी संस्थान हर महीने करीब 10 लाख रुपए बिजली का बिल देता है। कंपनी 300 किलोवाट का प्लांट लगाएगी। जिससे सारी लैब, हॉस्टल व एकेडमिक ब्लाक की बिजली आपूर्ति की जाएगी। इस कंपनी से 25 साल के लिए करार किया गया है।

इको फ्रैंडली इन्वायरमेंट के लिए

डायरेक्टर नरेंद्र मोहन ने बताया कि कैंपस की ज्यादातर स्ट्रीट लाइट्स पहले से सौर ऊर्जा से जगमग हो रही हैं। सभी हॉस्टल में सोलर हीटर लगाए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा नेचुरल रिसोर्स का प्रयोग किया जाए ताकि बिजली बचत की जा सके। अगर सब कुछ ठीक रहा तो फिर सोलर प्लांट की कैपेसिटी बढ़ाकर शुगर फैक्ट्री भी सौर ऊर्जा से चलाने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है।

---------------

फैक्ट फाइल

300 किलोवाट का प्लांट एनएसआई में लगाएगी कंपनी

3.91 रुपए प्रति यूनिट पर संस्थान को बिजली मिलेगी

18 लाख रुपए हर साल बचत होगी संस्थान की

10 लाख रुपए हर महीने बिजली का बिल देता है संस्थान

25 साल के लिए कंपनी के साथ करार किया है एनएसआई ने