RANCHI : जम्मू कश्मीर में आए भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए डोरंडा कॉलेज के स्टूडेंट्स ने धन संग्रह अभियान शुरू किया है। रांची यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता ने मंगलवार को कॉलेज कैंपस में एनएसएस स्टूडेंट्स के इस अभियान की ओपनिंग की। इस मौके पर एनएसएस के को-ऑर्डिनेटर डॉ पीके झा, प्रिंसिपल डॉ सीताराम साहू और प्रोग्राम ऑफिसर डॉ ब्रजेश समेत कई टीचर्स एवं स्टूडेंट्स मौजूद थे।

सभी से मदद की अपील

डोरंडा कॉलेज शहर का ऐसा पहला कॉलेज हैं, जहां के स्टूडेंट्स जम्मू कश्मीर के बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए सामने आए हैं। यहां एनएसएस स्टूडेंट्स ने धन संग्रह अभियान शुरू किया है। इसके तहत वे बॉक्स लेकर स्टूडेंट्स और टीचर्स के पास गए और मदद करने की अपील की। टीचर्स और स्टूडेंट्स भी इस अभियान में अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ये स्टूडेंट्स कॉलेज कैंपस के बाहर भी चौक-चौराहों पर जाकर बाढ़ पीडि़तों के लिए लोगों से आर्थिक मदद मांगेंगे। इस अभियान के तहत जमा होनेवाली रकम जम्मू कश्मीर के बाढ़ पीडि़तों के मदद के लिए भेजी जाएगी।

नहीं सुलझ रही है शिक्षकों की समस्या

झारखंड स्टेट माइनॉरिटी कॉलेज टीचर एसोसिएशन ने कहा है कि शिक्षकों की समस्याएं एचआरडी और कॉलेज में पेंडिंग है। इसमें मुख्य रूप से पेंशन योजना को अविलंब लागू कराना, टीचर्स की प्रोन्नति की शीघ्र स्क्रीनिंग कराने, जेपीएससी द्वारा अल्पसंख्यक टीचर्स की नियुक्ति कंफर्मेशन व प्रमोशन से संबधित फाइल लौटा देना शामिल है। एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ आरपी गोप ने मंगलवार को कहा कि वित्त रहित पदों को वित्त सहित करना, जनवरी ख्00म् के बाद पीएचडी योग्यता वाले टीचर्स को इंक्रीमेंट देने की डिमांड शामिल है। डॉ। गोप ने कहा कि शिक्षामंत्री से शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र मिलेगा और समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराएगा। एसोसिएशन ने कहा है कि कॉलेजों के वैसे टीचर्स, जो पीएचडी नहीं है। उनके इंक्रीमेंट को एचआरडी ने रोक दिया है। एसोसिएशन ने इनके वेतन में इंक्रीमेंट जोड़ने की डिमांड की है।