- अब तक सड़क के रॉ मैटेरियल की लैब में होती थी जांच

- तीन मंडलों के लिए खरीदी जाएगी यह अत्याधुनिक मशीन

आगरा। सड़क निर्माण में अब घालमेल नहीं हो सकेगा। अब लोक निर्माण विभाग आगरा समेत प्रदेश में बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता मशीन से परखेगा। इसके लिए शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। तीन मंडलों के लिए हाईटेक न्यूक्लियर गेज टेस्टिंग मशीन खरीदी जाएगी। अप्रैल में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस मशीन के आने के बाद मौके पर ही सड़क निर्माण की जांच कर रिपोर्ट हासिल की जा सकेगी।

कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

हाईटेक न्यूक्लियर गेज मशीन को ड्राइव करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारियों को टाटा ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी जाएगी। इस बारे में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर राजन मित्तल ने बताया कि शासन के निर्देश पर तीनों मंडल आगरा, अलीगढ़ और मैनपुरी के लिए मशीनें शासन स्तर से खरीदी जा रहीं हैं। चीफ इंजीनियर ने बताया कि ये मशीन बहुत कॉस्टली है। हल्की होने के कारण इसे ट्रक गाड़ी में रखकर आसानी से लाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अब सभी जगह इसी मशीन का प्रयोग किया जा रहा है।

अभी तक ये था जांच का तरीका

रोड की गुणवत्ता की जांच के लिए पहले लोक निर्माण विभाग की टीम उस स्थान का औचक निरीक्षण करती है। इसके बाद वहां पर गड्ढा खोदकर सैंपल लिया जाता है। पूरे मेटेरियल मिक्सर की लैब में जांच की जाती थी। ये प्रक्रिया इतनी लम्बी होती थी, महीनों गुजर जाते थे, लेकिन रिपोर्ट नहीं आती थी। न ही मामले में दोषियों पर कार्रवाई हो पाती थी। अब नई मशीन के आ जाने पर दोषियों पर कार्रवाई हो सकेगी।

आठ से 10 लाख है मशीन की कॉस्ट

चीफ इंजीनियर राजन मित्तल ने बताया कि न्यूक्लियर गेज टेस्टिंग मशीन की कीमत आठ से 10 लाख रुपये है। इन मशीनों को 55 डिवीजनों में खरीदा जाना है। वहीं कर्मचारियों के प्रशिक्षण में प्रति कर्मचारी दो से तीन हजार रुपये का खर्च आएगा। कर्मचारियों के प्रशिक्षण के बाद मशीन का प्रयोग किया जा सकेगा। चीफ इंजीनियर ने बताया कि रोड की जांच का तुरन्त परिणाम सामने आ जाएगा। उन्होंने बताया कि लैब का परीक्षण भी जारी रहेगा। ये फॉरी तौर पर तुरन्त गुणवत्ता और रोड की मजबूती को शो करेगी। इसमें रेडियम किरणों से उसके मेटेरियल और मिक्सर की जांच की जा सकेगी।