Agency: देश में सरकार ही सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। यही नहीं, उसके खिलाफ विभिन्न अदालतों में 350 से अधिक अवमानना के मामले चल रहे हैं। विधि मंत्रालय के एक दस्तावेज के आंकड़े में यह जानकारी सामने आई है। दस्तावेज के अनुसार, गत 12 जून, 2017 तक विभिन्न अदालतों में कुल 1,35,060 सरकारी मुकदमे लंबित थे। यह आंकड़ा देश भर की अदालतों में लंबित कुल मुकदमों का 46 परसेंट है।


विवाद से जुड़े मुकदमे
सरकार के खिलाफ लंबित मामले नौकरियों और निजी कंपनियों से संबंधित हैं। इसके अलावा सरकारी विभागों व सरकारी उपक्रमों के बीच विवाद से जुड़े मुकदमे हैं। हालांकि दस्तावेज में अवमानना मामलों की वजह नहीं बताई गई है। आमतौर पर अवमानना के अधिकांश मामले अदालतों के आदेशों का पालन और समय पर शपथपत्र दाखिल नहीं करने तथा कोर्ट में पेश न होने पर दाखिल किए जाते हैं। सरकार के लीगल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (एलआइएमबीएस) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 'देश भर की अदालतों में कुल लंबित मुकदमों के 46 परसेंट मामले सरकार से संबंधित हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि एलआइएमबीएस गतिशील वेबसाइट है। इसके आंकड़े निरंतर बदल रहे हैं।

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मुकदमों को निपटाने का निर्देश
विधि व न्याय मंत्रालय ने इस संबंध में जून, 2017 में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से लंबित मुकदमों की समीक्षा करने को कहा था। इसके पीछे मुकदमों की संख्या में कमी लाने का उद्देश्य था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि सरकार ही सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। अदालतों को सरकार के खिलाफ मुकदमे निपटाने में ही अपना अधिकतम वक्त देना पड़ता है। उन्होंने भी न्यायपालिका का बोझ कम करने के लिए मंत्रालयों को ठोस कदम उठाने को कहा था।

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अवमानना के लंबित मामले मंत्रालय मुकदमों की संख्या

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