वेतन को लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की नर्सिग स्टाफ ने की हड़ताल
PATNA : वेतन में गोलमाल करने का आरोप लगाते हुए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कॉन्ट्रैक्ट पर तैनात सैकड़ों नर्सिग स्टाफ सोमवार को हड़ताल पर चले गए जिससे स्वास्थ्य सेवा बाधित हो गई। इमरजेंसी से लेकर वार्ड में मरीजों की परेशानी बढ़ गई। वह प्रशासनिक ावन के सामने फर्श पर बैठ गए और घंटों नारेबाजी करते रहे। इस दौरान संबंधित कंपनी के साथ संस्थान के लोगों ने उन्हें मनाने का भी प्रयास किया।
हड़ताल से हलाकान हुए पेशेंट
नर्सिग स्टाफ के हड़ताल पर जाते ही संस्थान में मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई। सबसे अधिक दिक्कत इमरजेंसी में मरीजों को हुई जिन्हें सहयोग करने के लिए कोई नहीं था। उनके परिजनों को ही नर्सिग का काम करते देखा गया। हड़ताल के बाद मरीजों के तीमारदार इधर-उधर दौड़ते रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। इमरजेंसी के साथ प्राइवेट और जनरल वार्ड में भी मरीजों को काफी परेशानी हुई।
एक नजर में जानिए पूरा मामला
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में तैनात कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ का आरोप है कि दो माह से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है।
9 फरवरी को ही उन्होंने अपनी समस्या जिमेदारों के सामने रखी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
38,200 रुपए के हिसाब से उन्हें वेतन दिया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
दो माह से वेतन को लेकर एजेंसी द्वारा परेशान किया जा रहा है।
समान काम के लिए समान वेतन की मांग की जा रही है।
काफी दिनों से मांग के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 300 से अधिक नर्सिग स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट पर हैं।
हमारे साथ धोखा किया गया है। जो वेतन एग्रीमेंट किया गया है वह नहीं दिया जा रहा है। काफी दिनों से मांग क जा रही है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जमाल, नर्सिग स्टाफ
हम लोग हड़ताल पर जाने को मजबूर हो गए हैं क्योंकि हमारी बात सुनी ही नहीं जा रही है। कई बार मांग करने के बाद भी समान काम के लिए समान दाम पर विचार नहीं किया जा रहा है।
ममता, नर्सिग स्टाफ
काफी दिनों से हमारे साथ वेतन में धोखा किया जा रहा है। कई बार कहने के बाद भी इस पर कोई ध्यान नहीं है। अगर ऐसे ही मनमानी रही तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
अंजू कुमारी, नर्सिग स्टाफ