ओबामा ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि सीरिया की जमीन पर अमरीकी सैनिक नहीं उतरेंगे. इससे साफ है कि वहां हवाई कार्रवाई हो सकती है.

पिछले महीने सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास हुए कथित रासायनिक हमले के बाद सीरिया पर दबाव बढ़ता जा रहा है.

अमरीका का कहना है कि इस हमले में 1429 लोग मारे गए और राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं.

लेकिन असद इन आरोपों से इनकार करते हैं. रूस और चीन भी सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं.

ओबामा ने इस मुद्दे पर एक बार फिर रूस समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन मांगा है. लेकिन उन्होंने साफ किया कि अगर राजनयिक प्रयास नाकाम रहे तो भी सैन्य कार्रवाई का रास्ता खुला रहेगा.

उधर, अमरीकी कांग्रेस में सीरिया में कार्रवाई के मुद्दे पर होने वाले मतदान को टाल दिया गया है ताकि इस बारे में राजनयिक कोशिशों को अवसर दिया जा सके.

'असद को संदेश देना होगा'

कूटनीतिक हलचल

राष्ट्रपति ओबामा का ये भाषण ऐसे समय में आया है जब सीरिया के मुद्दे पर दुनिया में राजनयिक विभाजन साफ दिख रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में रखे जाने के रूस के प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर इसे टाल दिया गया.

अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन ऐसे प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर रहे हैं जिसके कहा गया है कि अगर सीरिया अपने रासायनिक हथियार नहीं सौंपता है तो उसके खिलाफ बल प्रयोग हो, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ऐसे किसी प्रस्ताव को खारिज किया है जिसमें बल प्रयोग की बात शामिल है.

एक अन्य घटनाक्रम में अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी गुरुवार को स्विट्ज़रलैंड में रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव से मिलेंगे.

व्हाइट हाउस से अपने इस संबोधन में राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि वो सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप से लंबे समय से बच रहे थे क्योंकि वो मानते हैं कि बलपूर्वक किसी भी गृह युद्ध को नहीं सुलझाया जा सकता.

लेकिन उन्होंने कहा कि दमिश्क में 21 अगस्त को कथित रासायनिक हमले के बाद उनका मन बदल गया.

ओबामा ने कहा, “मैंने इस बात का इरादा कर लिया है कि अमरीका सीरिया में लक्षित सैन्य हमला करेगा. मगर सीरिया की ज़मीन पर अमरीकी सैनिकों के कदम नहीं पड़ेंगे. एक लक्षित कार्रवाई के ज़रिए हम अपना लक्ष्य हासिल करेंगे. असद को यह संदेश होगा कि भविष्य में कोई और तानाशाह ऐसा न कर पाए.”

ओबामा ने कहा कि अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और उन्होंने सीरिया में कार्रवाई के लिए कांग्रेस से समर्थन मांगा है.

ओबामा ने कहा, "अगर अमरीका कार्रवाई नहीं करता तो असल में हम व्यापक विनाश के हथियारों के इस्तेमाल के लिए रास्ता खोल रहे हैं. ऐसी दुनिया हमें कुबूल नहीं है."

'रूस सहयोगी'

ओबामा ने कहा है कि अमरीका जानता है कि रूस सीरिया का सहयोगी है. उन्होंने कहा कि रूसी सरकार ने पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चलने का फैसला किया है.

सीरिया पर हमला अमरीकी हित में: ओबामा

कांग्रेस से भी वो इसके लिए समर्थन मांग रहे हैं. ओबामा ने कहा कि अमरीका असद सरकार के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए यूरोप एशिया और मध्यपूर्व से समर्थन जुटाएगी.

अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा, "तथ्य इस बात के सुबूत हैं कि सीरिया में विरोधियों को मारने के लिए रासायनिक गैसों का इस्तेमाल किया गया. अगर हम उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह अमरीका और उसकी सुरक्षा के लिए खतरा होगा. भविष्य में आतंकवादी भी ये आसान कदम उठाएंगे."

इससे पहले अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी कह चुके हैं कि अगर सीरिया अपने रासायिक हथियार अंतरराष्ट्रीय निगारानी में सौंप दे तो उसके खिलाफ हमला नहीं होगा.

International News inextlive from World News Desk