-सख्ती के बावजूद कई मामलों में बरत रहे हैं लापरवाही,

-लड़की के अपहरण में 6 महीने बाद भी नहीं की गिरफ्तारी

BAREILLY:

सूबे में हुक्मरान बदल गए लेकिन उनके अपने मातहत ही ढुलमुल रवैया बदलने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अधिकारियों की सख्ती के बावजूद कई पुलिसकर्मी पब्लिक की सुनवाई नहीं कर रहे है। वहीं कई पीडि़तों से ही रिश्वत लेने में लगे हुए हैं। सीबीगंज की एक लड़की के अपहरण के 6 महीने बाद भी पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है। अब पीडि़त ने सीएम के साथ ही पुलिस के सीनियर अधिकारियों से भी शिकायत की है। सीओ सिटी सेकंड को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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अपहरण के बाद रेप

सर्वोदय नगर काशीराम कालोनी निवासी का आरोप है कि 6 माह पहले उनकी 17 वर्षीय बेटी का साबिर, भूरा व उसकी मां ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद रामपुर में ले जाकर रेप किया गया। पुलिस ने 7 दिन बाद एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने दिसंबर में लड़की को बरामद कर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया था। लड़की ने कोर्ट में बयान दिए थे जिसमें उसने अपने साथ रेप की बात बताई थी लेकिन पुलिस ने पाक्सो एक्ट की धाराओं की बढ़ोत्तरी नहीं की थी। यही नहीं पुलिस ने रेप पीडि़ता पर ही समझौता बनाने का भी दबाव डाला।

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डीआईजी ने कराया केस

बदायूं के बिनावर निवासी युवती ने मंडे डीआईजी ऑफिस में शिकायत की थी कि उसके साथ 6 माह पहले रेप की वारदात हुई थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। युवती ने आरोप लगाया था कि आरोपी का रिश्तेदार पुलिस कांस्टेबल है इसलिए उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। डीआईजी ने मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है।

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चोरों को छोड़कर ली रिश्वत

पुलिसकर्मियों के रिश्वत लेने के भी मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन मामलों पर एसएसपी कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड व लाइन हाजिर कर चुके हैं। संडे को कोतवाली एसएसआई मनोज कुमार ने चोरी के आरोप में पकड़कर लाए गए दो लोगों को छोड़ने के 1 लाख रुपए ले लिए थे। एसएसपी ने एसआई को सस्पेंड कर दिया था।