मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को बुधवार सुबह से टेक्स्ट मैसेज सेवा शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं.

मुख्यमंत्री के सलाहकार तनवीर सादिक़ ने बीबीसी को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने के लिए लोगों के अनुरोध पर यह क़दम उठाया गया है.

उन्होंने कहा, "सरकार पहले से ही इस पर विचार कर रही थी. सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद यह पाया गया कि सुरक्षा के हालात बेहतर हुए हैं और टेक्स्ट मैसेज भेजने पर लगी पाबंदी को जारी रखने की कोई ज़रूरत नहीं थी."

एसएमएस पर रोक क्यों?

 "इससे हमें काफ़ी नुकसान हो रहा था क्योंकि क्योंकि टेक्स्ट मैसेज से आय में आसान बढ़ोत्तरी होती है. हम राहत महसूस कर रहे हैं."

  - यासिर अराफ़ात, एअरसेल कंपनी के प्रवक्ता

साल 2010 के दिसंबर में कश्मीर घाटी में हुए ज़ोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद सभी प्रीपेड मोबाइल कार्ड की एसएमएस सेवा को निलंबित कर दिया गया था.

यह क़दम क्लिक करें अलगाववाद के पक्ष के चल रहे अभियान को हतोत्साहित करने के लिए उठाया गया था.

पुलिस अधिकारियों का मानना था कि अलगाववादी लोगों को ग्रुप एसएमएस भेजकर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए उकसा सकते हैं.

इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ विपक्ष की नेता महबूबा मुफ़्ती ने प्रदर्शन किया था. नागरिक अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले कई संगठनों ने इसे अदालत में चुनौती दी थी.

सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड ने राज्य मानवाधिकार आयोग से कहा था, "राज्य में प्रीपेड मोबाइल सेवा के ग्राहकों के फ़ोन पर एसएमएस सेवा पर रोक लगाने का निर्देश क्लिक करें जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह मंत्रालय ने दिया था."

सोशल मीडिया पर विरोध

कश्मीर में एसएमएस पर लगी रोक हटी

लोगों के कड़े प्रतिरोध और सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना के बाद पोस्टपेड सेवाओं पर से आंशिक रूप से यह प्रतिबंध हटा लिया गया था, लेकिन प्रीपेड सिम कार्ड का इस्तेमाल करन वाले उपभोक्ताओं को इस प्रतिबंध से कोई छूट नहीं मिली.

इस बीच कश्मीर में तेज़ी से बढ़ रहे दूरसंचार ऑपरेटर एयरसेल ने प्रीपेड सिम पर सबसे पहले एसएमएस सेवा शुरू की थी.

एसएमएस सेवा बहाल होने की पुष्टि करते हुए बीएसएनएल के मुख्य प्रबंधक आरके कौल ने कहा कि तकरीबन आठ लाख ग्राहकों को यह सेवा बुधवार सुबह से उपलब्ध हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध को हटाने के निर्देश क्लिक करें उमर अब्दुल्ला के कार्यालय से जारी किए गए थे. इसकी सारी औपचारिकताएं मंगलवार की रात पूरी कर ली गई थीं. उन्होंने जानकारी दी कि बीएसएनएल के 8 लाख 50 हज़ार उपभोक्ताओं में से क़रीब साढ़े चार लाख उपभोक्ता कश्मीर घाटी से हैं.

भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनियां भारती एयरटेल और एयरसेल दोनों के पास संयुक्त रूप से जम्मू-कश्मीर में चालीस लाख से ज़्यादा प्रीपेड उपभोक्ता हैं. इस राज्य में अन्य मोबाइल कंपनियों वोडाफ़ोन, आइडिया और रिलायंस के उपभोक्ता भी लाखों में हैं.

एयरसेल कंपनी के प्रवक्ता यासिर अराफ़ात कहते हैं, "इससे हमें काफ़ी नुकसान हो रहा था क्योंकि टेक्स्ट मैसेज से काफ़ी आय होती है. हम राहत महसूस कर रहे हैं."

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