-एसएसपी के आदेश पर क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ी थी नकली सरसों के तेल की फैक्ट्री

-पुलिस ने फैक्ट्री से मालिक को पकड़ा जबकि उसके दोनों बेटे हो गए फरार

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BAREILLY

हाफिजगंज थाना के रिठौरा निवासी नन्हें उर्फ इकबाल ने रातों रात अमीर बनने के लिए सरसों के तेल में मिलावट का धंधा शुरू किया था। हालांकि, उसका यह सपना पुलिस गिरफ्त में आने के बाद चकनाचूर हो गया। अब वह सलाखों के पीछे है तो पुलिस उसके दोनों बेटों की तलाश कर रही है।

खुलेआम करता था धंधा

कस्बा निवासी इकबाल उर्फ नन्हे बहुत गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। नन्हें पहले सरसों की पेराई कराकर फुटकर में तेल बेचता था। इस बीच उसके दिमाग में अमीर बनने का जुनून सवार हुआ, लेकिन इसके लिए उसके दिमाग में शॉर्टकट तरीका अपनाया। डुप्लीकेट तेल बनाकर वह उत्तराखंड के राइस ब्रेक ऑयल ले जाने वाले टैंकर ड्राइवरों से संपर्क साधा कर उन्हें सप्लाई करने लगा। जब नकली तेल बनाकर बेचने में उसे ज्यादा फायदा दिखा तो उसने बड़े पैमाने पर यह काम शुरू कर दिया। उसके बाद खुलेआम इस धंधे को करने लगा। तीन साल में उसने बरेली से लेकर उत्तराखंड तक अपना जाल फैला दिया। करीब दस साल से नन्हे मार्केट में नकली तेल बेचकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।

एक नम्बर में थी सप्लाई

शातिर नन्हें ने बताया कि उसने जीएस टे्डर्स के नाम से फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद टिन नम्बर भी जारी करा लिया। राइस ब्रेक ऑयल पोल्ट्ी इंडस्ट्रीज, साबुन की फैक्ट्री में बेचने की बजाय परसाखेड़ा, काशीपुर, रूद्रपुर आदि तेल की कम्पनियों में एसेंस मिलाकर नंबर एक में तेल सप्लाई करने लगा।

यह हुई थी बरामदगी

इकबाल के घर से थाना पुलिस ने सात ड्रम में 6620 लीटर नकली तेल ग्रिल की मिक्स पामोलीन, 200 लीटर राईस ब्रेन ऑयल, आठ सौ लीटर रिफाइंड सोयाबीन तेल, 22 कनस्तर बरामद किए थे। जिसमें रविंद्र, जय जयवान, फारचून, राज कोल्हू, तारा आदि ब्रांडों के पीपे भी बरामद हुए थे, जिसके जरिए नकली तेल इन ब्रांड के नाम से बेचता था।