Old currency notes worth Rs 30 lakh recovered from car sp leader former minister ravidas mehrotra
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यूपी के पूर्व मंत्री से मिले थे 30 लाख रुपये के पुराने नोट, अब ईडी कसेगा शिकंजा
LUCKNOW : पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा की गाड़ी से 30 लाख रुपये की पुरानी करंसी बरामद होने का मामला उन पर भारी पडऩे वाला है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की प्रारंभिक जांच में रकम के सोर्स का पता न चल पाने की वजह से मामले की जांच जल्द ही इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट के सुपुर्द करने की तैयारी है। जिसके बाद पूर्व मंत्री को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

यह था मामला
बीती 29 अगस्त को गोमतीनगर पुलिस जनेश्वर मिश्र पार्क के करीब चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान उधर से गुजरी एक्सयूवी जिसका नंबर यूपी32 ईयू 7777 को पुलिस ने रोका। जब गाड़ी की चेकिंग की गई तो उसमें एक बैग में रखे 30 लाख रुपये के 500 व 1000 रुपये के नोट बरामद हुए। ड्राइवर ठाकुरगंज निवासी मुबीन व उसके साथी दीपक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह गाड़ी व बरामद रकम पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा की है। पुलिस ने उसके कब्जे से एक रिवॉल्वर भी बरामद की। यह रिवॉल्वर भी पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा के नाम पर थी। उसने यह भी बताया कि उसे यह रकम नयी करंसी से बदलने के लिये खुद पूर्व मंत्री मेहरोत्रा ने भेजा है। उसे पार्क के पास रोड साइड खड़े होना था और करंसी बदलने वाला वहां उसके पास आकर इसे बदलता। इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। करंसी की बरामदगी के बाद रविदास मेहरोत्रा इलाज कराने बेंगलुरु चले गए। पुलिस ने रकम बरामद होने की सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे दी। 

बयान से मुकरे
इनकम टैक्स सूत्रों के मुताबिक जब बरामद रकम के बारे में ड्राइवर मुबीन व उसके साथी दीपक से पूछताछ की गई तो वे पहले बरामद रकम को पूर्व मंत्री का बताने वाले बयान से पलट गए। उन दोनों ने बताया कि बरामद रकम उनकी है और वे उसे बदलवाने की कोशिश में जुटे थे। हालांकि, जब इन दोनों की आर्थिक पृष्ठभूमि की जांच की गई तो उनका दावा गलत निकला। वे दोनों गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते थे। बरामद रकम का सोर्स पता न चल पाने की वजह से अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसकी जांच ईडी के सुपुर्द करने की तैयारी की है। सूत्रों ने बताया कि इसी सप्ताह मामले की जांच ईडी को सौंप दी जाएगी। 

मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश
पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बातचीत में कहा कि जब भारत सरकार पुरानी करंसी को जमा कर उसे नष्ट कर रही है तो फिर यह रकम आई कहां से। उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। बरामद रकम के बारे में उन्होंने किसी भी जानकारी से इंकार किया। उन्होंने पुलिस पर सवाल खड़ा किया कि अगर बरामद रकम को ड्राइवर बदलवाने गया था तो फिर पुलिस रकम बदलने वाले को अब तक अरेस्ट क्यों नहीं कर पाई। पूर्व मंत्री ने कहा कि बावजूद इसके अगर कोई भी जांच एजेंसी उनसे संपर्क करेगी तो वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

 

यह था मामला

बीती 29 अगस्त को गोमतीनगर पुलिस जनेश्वर मिश्र पार्क के करीब चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान उधर से गुजरी एक्सयूवी जिसका नंबर यूपी32 ईयू 7777 को पुलिस ने रोका। जब गाड़ी की चेकिंग की गई तो उसमें एक बैग में रखे 30 लाख रुपये के 500 व 1000 रुपये के नोट बरामद हुए। ड्राइवर ठाकुरगंज निवासी मुबीन व उसके साथी दीपक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह गाड़ी व बरामद रकम पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा की है। पुलिस ने उसके कब्जे से एक रिवॉल्वर भी बरामद की। यह रिवॉल्वर भी पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा के नाम पर थी। उसने यह भी बताया कि उसे यह रकम नयी करंसी से बदलने के लिये खुद पूर्व मंत्री मेहरोत्रा ने भेजा है। उसे पार्क के पास रोड साइड खड़े होना था और करंसी बदलने वाला वहां उसके पास आकर इसे बदलता। इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। करंसी की बरामदगी के बाद रविदास मेहरोत्रा इलाज कराने बेंगलुरु चले गए। पुलिस ने रकम बरामद होने की सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे दी। 

बयान से मुकरे

इनकम टैक्स सूत्रों के मुताबिक जब बरामद रकम के बारे में ड्राइवर मुबीन व उसके साथी दीपक से पूछताछ की गई तो वे पहले बरामद रकम को पूर्व मंत्री का बताने वाले बयान से पलट गए। उन दोनों ने बताया कि बरामद रकम उनकी है और वे उसे बदलवाने की कोशिश में जुटे थे। हालांकि, जब इन दोनों की आर्थिक पृष्ठभूमि की जांच की गई तो उनका दावा गलत निकला। वे दोनों गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते थे। बरामद रकम का सोर्स पता न चल पाने की वजह से अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसकी जांच ईडी के सुपुर्द करने की तैयारी की है। सूत्रों ने बताया कि इसी सप्ताह मामले की जांच ईडी को सौंप दी जाएगी।

 

मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश

पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बातचीत में कहा कि जब भारत सरकार पुरानी करंसी को जमा कर उसे नष्ट कर रही है तो फिर यह रकम आई कहां से। उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। बरामद रकम के बारे में उन्होंने किसी भी जानकारी से इंकार किया। उन्होंने पुलिस पर सवाल खड़ा किया कि अगर बरामद रकम को ड्राइवर बदलवाने गया था तो फिर पुलिस रकम बदलने वाले को अब तक अरेस्ट क्यों नहीं कर पाई। पूर्व मंत्री ने कहा कि बावजूद इसके अगर कोई भी जांच एजेंसी उनसे संपर्क करेगी तो वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

 

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