- दिसम्बर अंत से शुरू हो जाएगा रोडवेज की बसों का संचालन

- नेशनलाइज रूट घोषित किए जाने से नहीं चल सकेंगे प्राइवेट ऑपरेटर्स

- दिल्ली का सफर होगा सस्ता और समय भी लगेगा कम

- चुनाव के बाद परिवहन विभाग आगरा एक्सप्रेस वे पर बसों को चलने की देगा परमीशन

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW :

परिवहन निगम अपने यात्रियों को नए साल 2018 का तोहफा देने की तैयारी में जुटा है। इससे आगरा और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को मिलेगा खास लाभ होने की उम्मीद है। लखनऊ से आगरा और दिल्ली के बीच का सफर करने वाले यात्रियों को जहां समय कम लगेगा वहीं किराया भी बहुत कम हो जाएगा। आगरा एक्सप्रेस वे पर रोडवेज की बसों को फर्राटा भरने की परमीशन मिलते ही दिल्ली दूर नहीं होगी। परिवहन निगम अगले महीने के अंत में आगरा एक्सप्रेस पर रोडवेज की बसों के संचालन की तैयारी में है। इसके लिए शासन को पत्र लिख कर अनुमति मांगी गई है।

बदले रूट तो किराया होगा कम

प्रदेश की राजधानी से दिल्ली के लिए अब चलने वाली वॉल्वों बसों का संचालन उन्नाव, कानपुर, औरेया, इटावा, फिरोजबाद, आगरा होते हुए किया जाता है। आगरा के बाद यमुना एक्सप्रेस वे से बस ग्रेटर नोएडा होते हुए आनंद विहार बस अड्डे पहुंचती हैं। लखनऊ से यह दूरी 585 किमी है। इसके लिए वॉल्वो का प्रति किमी किराया प्रति व्यक्ति 1718 रुपए लिया जाता है। इस सफर में अब तक 12 घंटे लगते हैं। लेकिन आगरा एक्सप्रेस वे से बसों का संचालन शुरू होने पर 84 किमी का सफर कम हो जाएगा। ऐसे में यह दूरी लगभग 501 किमी रह जाएगी। जब दूरी घट जाएगी तो इसका असर किराए पर भी पड़ेगा। ऐसे में लगभग 300 रुपए किराया कम हो जाएगा। इसके बाद किराया प्रतिव्यक्ति लगभग 1,400 रुपए हो जाएगा। आगरा एक्प्रेस वे पर बसों के चलने की अनुमति मिलते ही लखनऊ से बस दुबग्गा के आगे आगरा एक्सप्रेस वे पर पहंच जाएगी और सीधे आगरा के बाद यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंच जाएगी। किमी कम होने पर समय की बचत भी होगी। लगभग बारह घंटे का सफर मात्र साढ़े सात घंटे में पूरा हो जाएगा।

रोडवेज की बसों का एकाधिकार

खास बात यह है कि इस रूट परिवहन विभाग ने इस रूट को नेशनलाइज रूट घोषित किए जाने की मांग की है। नेशनलाइज रूट घोषित किए जाने पर इस रूट पर रोडवेज की बसों की मोनोपोलि हो जाएगी। अन्य बसों और सवारियों गाडि़यों को इस रूट पर चलने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे में परिवहन निगम की इंकम में तेजी से इजाफा होगा।

प्राइवेट वाहन ही चल रहे

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आगरा एक्सप्रेस वे के तैयार होने के बाद इस पर कुबेरपुर से दिल्ली के बीच प्राइवेट ऑपरेटर को बसों के संचालन की अनुमति दे दी गई थी। लेकिन बाद में विवाद होने पर इसे रोक दिया गया। फिलहाल इस रूट पर सिर्फ प्राइवेट वाहन ही फर्राटा भर रहे हैं। बसों के संचालन शुरू होने के साथ ही इस पर एक या दो जगह टोल टैक्स बनाया जाएगा।

बॉक्स

लखनऊ से दिल्ली

पहले

दूरी किराया टाइम

585 किमी 1,718 रुपए 12 घंटे

अब

दूरी किराया टाइम

501 किमी 1,400 रुपए 7.30 घंटे

- राजधानी से रोजाना 38 बसों का संचालन दिल्ली के लिए किया जाता है। इनमें वॉल्वो, स्कैनिया, जनरथ, शताब्दी और साधारण बस सेवा शामिल हैं

- इन बसों का संचालन आलमबाग, चारबाग, कैसरबाग और अवध डिपो से किया जाता है।

- एक महीने लगभग 80 हजार यात्री लखनऊ से दिल्ली के बीच सफर करते हैं।

- चारबाग से दिल्ली का साधारण बस का किराया लगभग 600 रुपए है।

- आगरा एक्सप्रेस वे रूट पर रोडवेज के बसों की संचालन की अनुमति मिलते ही यह किराया लगभग घट कर आधा हो जाएगा।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर रोडवेज की बसों के संचालन के साथ ही इसे नेशनलाइट रूट घोषित किए जाने की अनुमति मांगी गई है। दिसम्बर के अंत तक इस रूट पर बसों के संचालन की मंजूरी मिल सकती हैं। इससे रोडवेज की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को सुरक्षित और सस्ता सफर मिल सकेगा।

- इंदिरा सिंह, सचिव, एसटीए राज्य परिवहन प्राधिकरण

अभी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर संचालन की अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलते ही रोडवेज की बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।

- एचएस गाबा, मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन, परिवहन निगम