- आईएएस अनुराग तिवारी के करीबी बैचमेट से पूछताछ करेगी सीबीआई

- स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर दुकान लगाने वालों से आज हुई पूछताछ

- बिना रहने के ठिकाने के जांच कर रही सीबीआई, दफ्तर भी नहीं मिला

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW:

कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की राजधानी में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने उनके बैचमेट्स की मुसीबत बढ़ा दी है। अनुराग तिवारी की हत्या के मामले की जांच में जुटी सीबीआई ने अब वर्ष 2007 बैच के उन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से पूछताछ करने का फैसला लिया है जो उनके करीबी थे। इनमें यूपी में तैनात आईएएस के अलावा कर्नाटक में तैनात अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो सीबीआई अगले हफ्ते इन अधिकारियों को तलब करने की तैयारी में है। सीबीआई एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह से भी गहन पूछताछ करने की तैयारी कर रही है जो घटना से पहले तक अनुराग के साथ थे।

दोस्तों के सीने में दफन हैं कई राज !

दरअसल शुरुआती जांच में सीबीआई को कुछ ऐसी सूचनाएं मिली हैं जिनकी पुष्टि के लिए अनुराग के बैचमेट्स के पूछताछ करना जरूरी है। सीबीआई को अंदेशा है कि अनुराग की जिंदगी के जुड़ी कुछ अहम जानकारियां उनके बैचमेट्स के पास हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उनके बैचमेट्स के अलावा कर्नाटक में तैनात उन आईएएस अफसरों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी जो अनुराग की मौत की खबर मिलने के बाद राजधानी आए थे और बाद में अंत्येष्टि में शामिल होने बहराइच भी गये थे। सीबीआई इन दोनों अधिकारियों को चिन्हित कर चुकी है। वहीं सीबीआई को एलडीए वीसी के कई अहम राज मिलने की उम्मीद है जो अनुराग ने उनके साथ साझा किए थे। वहीं सीबीआई इस केस के विवेचक से भी कुछ ऐसे सुबूत बटोरने की कवायद में जुटी है जिनकी जानकारी अभी तक पुलिस ने सार्वजनिक नहीं की थी, इनमें अनुराग के निजी जीवन से जुड़े कुछ फोटोग्राफ शामिल हैं।

सीबीआई को चाहिए मददगार

सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए अहम मददगार की तलाश है। दरअसल सीबीआई यह मानने को तैयार नहीं कि व्यस्त रहने वाले मीराबाई मार्ग पर अनुराग तिवारी के साथ हुए हादसे का कोई चश्मदीद न हो। सीबीआई को अंदेशा है कि पुलिस के डर से चश्मदीद सामने नहीं आया है लिहाजा उसकी तलाश करना जरूरी है। शुक्रवार को इसी उद्देश्य से सीबीआई ने स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर सड़क पर दुकान लगाने वाले आठ लोगों को बुलाकर पूछताछ की। इनमें समोसे और जलेबी का ठेला लगाने वाला बालकराम, चाय की दुकान लगाने वाला सुनील, शेरू, यादव, पंडित और पान की दुकान लगाने वाला रूपचंद्र और सुनील शामिल थे। सीबीआई ने इन सभी को सुबह 11 बजे तलब किया था और देर शाम तक उनसे पूछताछ करती रही। बालकराम ने सीबीआई टीम को बताया कि उसने सुबह साढ़े पांच बजे दुकान खोली थी तो कुछ दूरी पर अनुराग का शव पड़ा हुआ था। वहीं बाकियों ने भी दुकान खोलने से पहले अनुराग के हादसे का शिकार होने का जिक्र किया, लेकिन किसी ने सामने कोई घटना अंजाम दिए जाने की बात नहीं कही।

पीएम की वीडियो रिकॉर्डिग मांगी

सीबीआई ने अनुराग के पोस्टमार्टम के दौरान हुई वीडियोग्राफी को भी अपने कब्जे में लेने की कवायद शुरू कर दी है। इस दौरान पोस्टमार्टम रूम में डॉक्टरों और फोरेंसिक के मेडिकोलीगल एक्सपर्ट डॉ। जी। खान के बीच हुई कहा-सुनी को भी सीबीआई खंगालना चाहती है। इसमें डॉ। खान पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को कई अहम अंगों को प्रिजर्व न करने पर फटकार रहे हैं। सूत्रों की मानें तो डॉ। खान की फटकार के बाद ही डॉक्टरों ने अनुराग के हार्ट समेत कुछ अन्य अंगों को प्रिजर्व किया था। सीबीआई इस बाबत पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और डॉ। जी। खान से भी जवाब-तलब करेगी।

नौ सदस्यीय टीम कर रही जांच

अनुराग तिवारी की हत्या के मामले की जांच करने सीबीआई की नौ सदस्यीय टीम दिल्ली से आई है। इनमें एसपी एसएस किशोर, एएसपी संतोष कुमार, इंस्पेक्टर विजय यादव, इंस्पेक्टर पूरन और पांच सिपाही शामिल हैं। इनमें से संतोष कुमार और विजय यादव सारा हत्याकांड की जांच भी कर रहे हैं जबकि इंस्पेक्टर पूरन ने हाल ही में छोटा राजन से जुड़े एक अहम केस को बेहद कम समय में सॉल्व किया है।

सीबीआई के रहने का ठिकाना नहीं

राज्य सरकार ने आईएएस अनुराग तिवारी की हत्या के मामले की जांच भले ही सीबीआई के हवाले कर दी हो, लेकिन अभी तक टीम के ठहरने की जगह का इंतजाम नहीं किया है। वैकल्पिक इंतजाम के तौर पर सीबीआई की नौ सदस्यीय टीम को मीराबाई मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल में तीन छोटे कमरे आवंटित किए गये हैं जिन्हें तीन दिन के भीतर खाली भी करना है। सीबीआई के अधिकारी राज्य सरकार के इस रवैये से नाराज हैं और चार कमरों और एक दफ्तर की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सीबीआई की टीम को राज्य सरकार की ओर से तीन गाडि़यां भी मुहैया करायी गयी है।