31 जनवरी तक लागू ई-वे बिल की सभी शर्ते होंगी मान्य

कहीं भी माल भेजने के लिए ई-वे बिल जेनरेट करना होगा जरूरी

ALLAHABAD: एक फरवरी से राज्य का ई-वे बिल निष्क्रिय होने और सेंट्रल ई-वे बिल स्थगित होने के बाद, व्यापारियों ने अगर ये सोच लिया है कि उन्हें इससे छुटकारा मिल गया तो यह सोच गलत है। अब भी ई-वे बिल के बगैर माल का परिवहन किया जा सकेगा। क्योंकि, वित्त मंत्रालय के आदेश पर राज्यों में 31 जनवरी तक सक्रिय ई-वे बिल को एक बार फिर से लागू करने का निर्णय लिया गया है।

फिलहाल स्थगित है सेंट्रल ई वे बिल

तकनीकी खामियों की वजह से वित्त मंत्रालय ने सेंट्रल ई-वे बिल को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इसके चलते राज्यों का ई-वे बिल एक बार फिर से लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह नौ फरवरी से मान्य होगा। आठ फरवरी की रात 12 बजे के बाद माल परिवहन के दौरान व्यापारियों को ई-वे बिल जेनरेट करना आवश्यक होगा। ई-वे बिल न होने की स्थिति में व्यापारियों को टैक्स के साथ ही पेनाल्टी भी देना पड़ सकता है।

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23 सामानों पर लगेगा ई-वे बिल

21 जुलाई 2017 से लागू ई-वे बिल सिस्टम में जिन 23 सामानों को शामिल किया गया था, उन्हीं सामानों का परिवहन करने के लिए व्यापारियों को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। प्रांत के अंदर माल परिवहन करने पर ई-वे बिल 01, प्रांत के बाहर के लिए 02 और आनलाइन मार्केट के लिए ई-वे बिल 03 जेनरेट करना होगा।

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एक भी किलोमीटर की छूट नहीं

राज्य के ई-वे बिल में व्यापारियों को एक भी किलोमीटर की छूट नहीं दी गई है। अगर परिवहन किए जा रहे माल की कीमत 50 हजार रुपये या फिर उससे अधिक है तो ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य होगा। व्यापारी अगर अपनी दुकान से बगल के दुकान पर माल भेज रहा है और उसकी कीमत 50 हजार रुपये से अधिक है तो इसका ई-वे बिल व्यापारी को जेनरेट करना आवश्यक होगा।

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पुराने रजिस्ट्रेशन पर करें जेनरेट

जिन व्यापारियों ने 31 जनवरी के पहले तक ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। वे पुराने रजिस्ट्रेशन पर ही एक बार फिर ई-वे बिल जेनरेट कर सकते हैं। नया रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है।

गुरुवार की रात 12 बजे के बाद राज्य का ई-वे बिल पहले की तरह एक बार फिर लागू हो जाएगा। बगैर ई-वे बिल के माल का परिवहन न करें। ई-वे बिल के बगैर माल पकड़ा गया तो टैक्स और जुर्माना दोनों वसूला जाएगा।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल