व‌र्ल्ड डायबिटीज डे

ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाने से बढ़ जाता है अंधेपन का खतरा

लापरवाही से बढ़े मरीज, डॉक्टरों ने दी आंखों के नियमित जांच की सलाह

ALLAHABAD: डायबिटीज घातक और जानलेवा बीमारी है। एक बार इसकी चपेट में आने के बाद मरीज को कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है। किडनी, लीवर, जोड़, हार्ट समेत आंखों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। नियमित जांच में लापरवाही और आंखों की उचित देखभाल नही करने से शुगर के मरीजों में अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ (व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन)) ने भी 14 नवंबर को व‌र्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर लोगों को इस बीमारी से आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को इस साल की थीम घोषित किया है। जिसका नाम 'डायबिटीज ऑन आई' रखा गया है।

एक साल बाद पड़ने लगता है प्रभाव

ब्लड में शुगर की मात्रा अनियंत्रित होने के एक साल बाद इसका प्रभाव शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ने लगता है। इनमें आंख भी शामिल है। इसके चलते एक साथ आंखों की कई बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। जिनमें आंखों के लेंस का कमजोर होना, मोतियाबिंद के आसार बढ़ जाना, पलकों पर बिलनी की शिकायत और आंखों के चश्मे का नंबर तेजी से बढ़ने लगता है। अगर समय रहते इन बीमारियों का इलाज नही कराया गया तो अंधेपन के आसार बढ़ जाते हैं। एक बार आंखों की रोशनी जाने के बाद मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

धीरे-धीरे जाती है आंखों की रोशनी

डायबिटीज के मरीजों की आंखों की रेटिना तेजी से प्रभावित होती है। शुगर का लेवल बढ़ जाने से खून की नसें डैमेज होने लगती है और रेटिना पर खून के थक्के जमा हो जाते हैं। ऐसे में आंखों की रोशनी कम होने लगती है। इस स्थिति को मैकुला रेडिमा कहते हैं। शुरुआती लक्षणों पर तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा आंखों के अधिकतम हिस्सों पर खून का संचार नही होने से भी दूसरे नकारात्मक प्रभाव सामने आने लगते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के रोगियों को शरीर के दूसरे अंगों के साथ आंखों को लेकर भी सचेत होना चाहिए। वर्तमान में ऐसे कई मरीज ओपीडी में आ रहे हैं जिनकी आंखें डायबिटीज के चलते प्रभावित हो चुकी हैं।

ऐसे होगा डायबिटीज से बचाव

मीठी खानपान की चीजों से परहेज करें। इनका अधिक सेवन न करें।

नियमित रूप से व्यायाम करें। सुबह-शाम टहलने की आदत डालें।

हरी सब्जियों और फलों का सेवन अधिक करें।

शराब और धूम्रपान के सेवन से बचना जरूरी है।

डायबिटीज के मरीजों को अपनी किडनी, हार्ट और आंखों की नियमित जांच करानी चाहिए।

इस बार व‌र्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन व‌र्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर इस बीमारी से आंखों पर होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जागरुक कर रही है। लोगों को भी होशियार हो जाना चाहिए। लापरवाही के चलते ऐसे कई मरीज ओपीडी में आते हैं जिनकी आंखों की रोशनी डायबिटीज के चलते कम हो गई है। दूसरी गंभीर बीमारियों ने उन्हें अपनी जकड़ में ले रखा है।

प्रो। एसपी सिंह, डायरेक्टर, मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सालय

लोगों की अनियमित दिनचर्या का प्रभाव है कि डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कम उम्र में भी लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। अगर हम बेहतर खाएं और नियमित व्यायाम करें तो इस जानलेवा बीमारी से बच सकते हैं। एक बार ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाने के बाद आंखों समेत शरीर के कई अंग डैमेज होने लगते हैं।

डॉ। आनंद सिंह, बेली हॉस्पिटल