तेजी से बढ़ रहे मरीज, आठ साल की बच्ची ने तोड़ा दम

मलेरिया से पीडि़त बच्चों की भी संख्या बढ़ी

ALLAHABAD: बारिश शुरू होते ही दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या में अचानक तेजी आ गई है। खासतौर से बच्चे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शनिवार को आठ साल की बच्ची की दिमागी बुखार के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने उसे एक दिन पहले चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण के चलते बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

मुश्किल हो गया जान बचाना

कौशांबी के मनौरी के रहने वाले सुभाष पटेल ने अपनी आठ साल की बेटी सिमरन को शुक्रवार को चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। उसे दिमागी बुखार था। शनिवार को बच्ची की मौत हो गई। जिससे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। डॉक्टरों ने बताया कि बारिश होने के बाद संक्रमण के चांसेज बढ़ जाते हैं, जिसकी वजह से रोजाना तीन से चार नए मरीज आ रहे हैं। देर से आने वाले मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है।

दिमागी बुखार के कई कारण

दिमागी बुखार के कई कारण हो सकते हैं। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के एचओडी डॉ। डीके सिंह कहते हैं कि किसी भी संक्रमण के चलते जब बुखार दिमाग पर असर डालने लगता है तो मरीज की हालत नाजुक हो जाती है। मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। तेज चक्कर आने के साथ वह बेहोशी की हालत में चला जाता है। समय रहते इलाज मिल जाने पर मरीज को बचा लिया जाता है। बारिश होने के बाद ऐसे मामले बढ़ जाते हैं।

मलेरिया ने भी ढाया कहर

इस सीजन में चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के हालात बहुत ज्यादा अच्छे नही है। सभी वार्ड लगभग भरे हुए हैं। इमरजेंसी में एक बेड पर मजबूरी में दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। सर्वाधिक मरीज दिमागी बुखार और मलेरिया से पीडि़त हैं। बारिश के बाद मच्छरों की संख्या बढ़ने से मलेरिया भी तेजी से फैल रहा है। इसमें मरीज को एक या दो दिन के अंतर में रात में कंपकंपी के साथ तेज बुखार आता है। जगह नहीं होने पर कई मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल्स रेफर किया जा रहा है।