RANCHI : पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल एक सफेदपोश का जल्द ही खुलासा हो जाएगा। इस हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए की टीम ने उस सफेदपोश की पहचान कर ली है। बस उसके खिलाफ पु2ता सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। एनआईए सोर्सेज के मुताबिक, यह मामला लीक नहीं हो हो, इस कारण ही उसके नाम को गोपनीय रखा गया है। जैसे ही उसके हत्याकांड में शामिल होने के सबूत मिल जाएंगे, इसका खुलासा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस हत्याकांड में पूर्व मंत्री राजा पीटर, कु2यात न1सली कुंदन पाहन और रमेश सिंह मुंडा के बॉडीगार्ड शेषनाथ राय पहले ही गिर3तार किए जा चुके हैं।

कई आरोपी गिर3त से बाहर

रमेश सिंह मुंडा के पुत्र और तमाड़ से आजसू विधायक विकास सिंह मुंडा का कहना है कि उनके पिता की हत्या में कई और लोगों का हाथ है, लेकिन वे अभी तक गिर3त से बाहर हैं। वे खुले में घूम रहे हैं। इन्हें पुलिस साजिश के तहत गिर3तार नहीं कर रही है। यही वजह है कि इस केंद्रीय गृहमंत्री से मिलकर एनआइए जांच की मांग र2ाी थी।

नौ जुलाई 2008 को हुई थी हत्या

9 जुलाई 2008 को पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या बूंडू में कर दी गई थी। ऐसा आरोप है कि पूर्व मंत्री राजा पीटर ने न1सलियों को 1 करोड़ से अधिक रुपए देकर रमेश सिंह मुंडा की हत्या करवाई थी। वहीं, इसी मामले में एएसआई शेषनाथ सिंह को भी अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि इन्होंने रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दौरान न1सलियों की मदद की थे। उस वक्त शेषनाथ उनके बॉडीगार्ड हुआ करते थे।

जून 2017 में एनआईए को मिला था जांच का जि6मा

रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर बेटे व विधायक विकास सिंह मुंडा अनिश्चितकालीन धरना दिया था। साथ ही उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर मामले की सीबीआई या एनआईए से जांच कराने का आग्रह किया था। गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने छह जून 2017 से मामले की जांच शुरु की थी। इससे पहले मामले की जांच सीआईडी कर रही थी।