फायरिंग के दौरान कॉन्सटेबल को लगी गोली

बता दें कि पथराव व फायरिंग से अपनी जान बचाकर भागने वाली टीम पर उपद्रवियों ने पीछा कर फायरिंग किया, जिसमें एक गोली एसओजी के कॉन्सटेबल को जा लगी। हालांकि, पुलिसकर्मी घायल साथी को उठाकर वहां से भागने में सफल रहे। इस उपद्रव का फायदा उठाकर हत्यारोपी भी मौके से फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद व 150 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

गांव में छिपे होने की मिली थी सूचना

पंजाब के लुधियाना में बीती 17 अक्टूबर को अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने आरएसएस कार्यकर्ता रवींद्र गोंसाई को गोलियों से भून डाला था। इस घटना के पीछे आतंकी कनेक्शन का अनुमान लगाते हुए मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। जांच के दौरान गाजियाबाद के फरीदपुर नहाली गांव निवासी मलूक का नाम हत्यारों को हथियार सप्लाई करने में सामने आया। इसके अलावा यह भी पता चला कि उसके देशविरोधी ताकतों के साथ भी संपर्क है। शनिवार को एनआईए को इंफॉर्मेशन मिली कि आरोपी मलूक अपने गांव में ही छिपा है।  

एनआईए की लापरवाही पड़ी भारी

सूचना मिलने के बाद एनआईए ने यूपी एटीएस व मेरठ एसओजी से मदद मांगी। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने एटीएस व मेरठ एसओजी को ऑपरेशन व छापेमारी की जगह के बारे में कुछ नहीं बताया। रविवार सुबह एनआईए, यूपी एटीएस व मेरठ एसओजी की संयुक्त टीम फरीदपुर नहाली गांव पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी बीच अचानक मलूक के परिवारीजनों ने उन्हें देख शोर मचा दिया। जिसके बाद गांव वाले टीम पर टूट पड़े। घरों से निकले पुरुषों व महिलाओं ने टीम पर पथराव शुरू कर दिया।

रास्ते कर दिये ब्लॉक

अचानक हुए हमले से टीम काफी समय तक दंग रही और वे सभी अपनी जान बचाने के लिये वहां से भागने लगे। इसके बाद भीड़ ने उनपर फायरिंग भी शुरू कर दी। जिससे मेरठ एसओजी के कॉन्सटेबल तहजीब खान के पैर में गोली लगी। भीड़ को हमलावर होता देख एनआईए, एटीएस व मेरठ एसओजी की टीम मलूक को तलाशना छोड़ अपनी जान बचाकर वहां से भागने लगे। शोर-शराबा सुनकर आसपास के गांवों के लोगों ने रोड को ब्लॉक कर दिया। हालांकि, एनआईए व पुलिसकर्मी वहां से जान बचाकर किसी तरह  से भागने में कामयाब रही।

इलाके को घेरकर कॉन्बिंग ऑपरेशन

घायल कॉन्सटेबल को इलाज के लिये मेरठ के निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। टीम पर हमले की खबर मिलने पर एसएसपी गाजियाबाद आकाश तोमर जिले के सभी थानों की फोर्स व पीएसी जवानों के साथ फरीदपुर नहाली गांव पहुंचे। दिल्ली एसटीएफ की टीम  भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन तब तक गांव में सन्नाटा पसर चुका था और टीम पर हमला करने वाले उपद्रवी फरार हो चुके थे। पुलिस ने पूरे इलाके को घेरकर कॉन्बिंग ऑपरेशन चालू किया है। फिलहाल दो संदिग्ध हमलावरों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जा रही है।

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