BAREILLY:

एक रुपए के छोटे सिक्के लेने से बैंक मना नहीं कर सकेंगे। बैंक को हर हाल में सिक्के लेने होंगे। आरबीआई ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है। आरबीआई का कहना है कि बिना नोटिफिकेशन के ही बैंक अपने मर्जी से किसी को सिक्के लेने से मना नहीं कर सकती है। यदि कोई बैंक मना कर रहा है, तो इस बात की शिकायत की जा सकती है।

 

बैंक को जारी किया लेटर

आरबीआई के निर्देश के बाद लीड बैंक के मैनेजर ओपी वडेरा ने जिले के सभी बैंक के ब्रांच मैनेजर को इस संबंध में लेटर भेजा है। ताकि सिक्के को लेकर जो भ्रम पैदा हुआ है वह दूर हो सके। लेटर के जरिए यह बात साफ तौर पर कही गई है कि वह कस्टमर आरै व्यापारियों को सिक्के लेने से मना नहीं करेंगे। एक दिन में एक हजार रुपए तक के सिक्के बैंक में जमा कर सकते हैं। यदि किसी प्रकार की कोई क्वैरी या शिकायत है, तो वह आरबीआई या फिर लीड बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

 

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जानी सच्चाई

ऐसा माना जा रहा है कि बैंक द्वारा एक रुपए का छोटा सिक्का नहीं लेने के कारण व्यापारी भी पब्लिक से सिक्के लेने से साफ मना कर दे रहे हैं। इस बात की सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने संडे को जंक्शन रोड, चौकी चौराहा, सिविल लाइंस सहित विभिन्न मार्केट में जाकर रियलिटी चेक किया। आइए बताते है सिक्कों के पीछे की सच्चाई।

 

दुकानदार ने सिक्के लेने से किया मना

सबसे पहले हम जंक्शन रोड स्थित एक दुकान पर पहुंचे। दुकानदार से हमने एक च्विंगम मांगा और इसके बदले एक का छोटा सिक्का दुकानदार को दिया, तो दुकानदार ने सिक्के लेने से साफ मना कर दिया। छोटा सिक्का नहीं एक का बड़ा वाला सिक्का दीजिए। उसका कहना था मैंने ले भी लिया तो अन्य कस्टमर्स और बैंक सिक्के नहीं लेंगे। आखिरकार हमें एक का बड़ा वाला सिक्का ही देना पड़ा। इसी तरह बाकी दुकानदारों का कहना था कि होलसेल और डिस्ट्रिब्यूटर भी एक के छोटे सिक्के नहीं ले रहे हैं। जिसकी वजह से दिक्कत आ रही है।

 

बैंक सिक्के लेने से मना नहीं कर सकते हैं। आरबीआई ने साफ निर्देश दिए है कि बिना नोटिफिकेशन के कोई बैंक सिक्के लेने से मना नहीं कर सकते हैं। एक दिन में एक हजार रुपए तक के सिक्के लेने होंगे।

ओपी वडेरा, मैनेजर, बीओबी लीड बैंक

 

बैंक सिक्के नहीं ले रहे हैं वहीं होलसेलर भी मना कर दे रहे हैं। जिसकी वजह से हम लोग भी कस्टमर से एक के छोटे सिक्के लेने से मना कर दे रहे हैं।

अंकित गुप्ता, दुकानदार