आरयू की ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की व्यवस्था में आ रहीं कई गड़बडि़यां

बैंक चालान बनवाने के बाद नहीं मिल रहा आईडी पासवर्ड

BAREILLY: आरयू की ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की व्यवस्था अपने पहले ही चरण में स्टूडेंट्स के लिए सिरदर्द बन चुकी है। काफी कवायदों के बाद आरयू ने इंप्रूवमेंट फॉर्म जमा करने के साथ ऑनलाइन व्यवस्था की शुरुआत की थी। इसके लिए फीस भी बढ़ाई लेकिन दूसरी तरफ स्टूडेंट्स की जेब तो ढीली हो ही रही है साथ ही हेल्पफुल होने के बजाय यह उनके लिए जी का जंजाल बन चुकी है। भारी पैमाने पर फॉर्म में गड़बडि़यां आ रही हैं। अधिकांश स्टूडेंट्स तो फॉर्म भर ही नहीं पा रहे हैं। जो भरे गए हैं उनमें बड़े पैमाने पर गल्तियां आ रही हैं।

नहीं मिल रहा आईडी पासवर्ड

ऑनलाइन व्यवस्था के तहत फॉर्म की फीस जमा करने के बाद स्टूडेंट्स को आईडी व पासवर्ड उनके मोबाइल और ईमेल पर सेंड कर दिया जाता है। इसके माध्यम से वे लॉगिन कर फॉर्म फिल कर सकते हैं। पेमेंट दो तरीके से बैंक चालान और ऑनलाइन के माध्यम से जमा किया जाना है, लेकिन बैंक चालान कटवाने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स को आईडी व पासवर्ड नहीं मिल रहा है। इस वजह से वे अपना फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। वहीं ऑनलाइन पेमेंट करने वाले कई स्टूडेंट्स भी आईडी व पासवर्ड ना मिलने की कंप्लेन कर रहे हैं। स्टूडेंट्स इसको लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी इस समस्या का किसी के पास कोई जवाब नहीं है।

सब्जेक्ट और पेपर नहीं हो रहा शो

जिन स्टूडेंट्स के फॉर्म फिल हो जा रहे हैं उनमें भारी पैमाने पर गड़बडि़यां सामने आ रही हैं। अधिकांश स्टूडेंट्स के फॉर्म में सब्जेक्ट और पेपर्स शो नहीं कर रहे हैं। मसलन कोई स्टूडेंट एमए सोशियोलॉजी का है तो उसे कौन से पेपर का एग्जाम देना यह शो नहीं कर रहा। कई फॉर्म में तो सब्जेक्ट और पेपर दोनों ही गायब हैं। स्टूडेंट्स फॉर्म का प्रिंटआउट निकालने के बाद हाथ से फिल कर रहे हैं।

पास होने के बाद भी हो रहे फेल

ऑनलाइन व्यवस्था में बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां होने के चलते स्टूडेंट्स सकते में हैं। अधिकांश स्टूडेंट्स जो एनवायरमेंट और फिजिकल एजूकेशन में क्लियर हो चुके हैं, उनके फॉर्म में नॉट क्लियर लिखकर आ रहा है। उनके नाम और रोल नम्बर से पहले ही नॉट क्लियर फीड कर दिया गया है। जबकि रिजल्ट तो पास का आया है। अब ऐसे में स्टूडेंट्स असमंजस में हैं। वे फॉर्म पर नॉट क्लियर काट के हाथ से क्लियर लिख कर जमा कर रहे हैं। इसका हल क्या है जवाब किसी के पास नहीं है।

साइबर कैफे वालों की चांदी

ऑनलाइन व्यवस्था की गड़बडि़यों का फायदा साइबर कैफ संचालक खूब उठा रहे हैं। वे जमकर स्टूडेंट्स से पैसे वसूल रहे हैं। स्टूडेंट्स पहले साइबर कैफे से फॉर्म के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं फिर बैंक चालान कटवाकर उन्हें ब्8 घंटे बाद आईडी पासवर्ड देने की बात कही जाती है, जिसके माध्यम से वे दोबारा साइबर कैफे में जाकर अपना फॉर्म फिल कर सकें। जबकि अधिकांश स्टूडेंट्स को पासवर्ड नहीं मिल रहा है। इसका फायदा उठाते हुए साइबर कैफे संचालक अपने अकाउंट से ही ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं। बदले में वे एक फॉर्म के लिए स्टूडेंट्स से ख्00 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज कर रहे हैं।