--Cyber crime करने वालों ने बदला अपना तरीका

SMS के जरिए हासिल कर रहे लोगों के ATM card का detail

VARANASI

केस - क्

अस्सी के रहने वाले अतुल अग्रवाल के मोबाइल पर एसएमएस आया। इसमें बताया गया था कि आपका एटीएम कार्ड एक्सपायर होने वाला है। इसके बाद आप कार्ड से ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे। किसी परेशानी से बचने के लिए इस नम्बर पर कॉल करें। अतुल ने एसएमएस में दिए नम्बर पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाली महिला ने उनसे सारा बैंक डिटेल और एटीएम कार्ड का पासवर्ड आदि पूछ लिया। थोड़ी ही देर में उनके एकाउंट से ब्0 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया गया। मोबाइल पर मैसेज आने पर फ्रॉड की जानकारी हुई।

केस - ख्

सिगरा की रहने वाली अनुपमा मिश्रा के मोबाइल पर एसएमएस आया। इसमें लिखा गया था कि देश के लाखों एटीएम कार्ड की डिटेल लीक हो गयी है उन्हें ब्लॉक किया जा रहा है। इनमें आपका कार्ड शामिल है या नहीं इसकी जानकारी के लिए कॉल करें। अनुपमा ने एसएमएस में दिए नम्बर पर कॉल किया तो कॉल से रिसीव करने वाले ने जानकारी दी कि उनका कार्ड भी ब्लॉक किया जा रहा है। नया कार्ड इश्यू करने के लिए पुराने कार्ड का नंबर व पासवर्ड बता दें। शक होने पर अनुपमा ने कॉल रिसीव करने वाली की डिटेल मांगी तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। इस पर उन्होंने काट दिया और फ्रॉड से बच गयीं।

यह दो केस तो महज एग्जाम्पल भर हैं कि एटीएम कार्ड ब्लॉक होने का डर बताकर सिटी के लोगों के साथ किस तरह फ्रॉड किया जा रहा है। फ्रॉड करने वाले पहले तो कॉल करके डिटेल आदि हासिल कर लेते थे। लेकिन जब यह आइडिया फ्लॉप होने लगा तो एसएमएस का नया तरीका अपना लिया। कौतूहल में लोग उसमें दिए नम्बर पर कॉल करते हैं और फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। हैकर्स और धोखाधड़ी करने वाले एटीएम कार्ड बंद किए जाने का डर दिखाकर कस्टमर्स से अकाउंट नंबर और बाकी डिटेल हासिल कर ले रहे हैं।

ऐसे नहीं होता कार्ड ब्लॉक

बैंक अधिकारियों के अनुसार किसी का भी एटीएम कार्ड बिना वजह ब्लॉक नहीं किया जाता है। अगर कोई अपनी डिटेल किसी को ना दे तो फ्रॉड भी नहीं हो सकता है। कुछ दिनों पहले लाखों एटीएम कार्ड की डिटेल लीक होने और बैंक द्वारा उन का‌र्ड्स को ब्लॉक करने की चर्चा थी लेकिन नामी-गिरामी बैंकों के एटीएम से किसी तरह का खतरा नहीं होता है। हैकर्स के निशाने पर व्हाइट लेबल वाले एटीएम हैं। ये प्राइवेट कंपनियों के जरिए एलॉटेड एटीएम हैं। हैकर्स मैग्नेटिक एटीएम का इस्तेमाल करने वाले अकाउंट होल्डर्स का डाटा भी कई बार उड़ा लेते हैं।

तो करें बैंक से सम्पर्क

आपके बैंक एकाउंट पर नजर गड़ाये शातिरों को मात देने के लिए बैंक लगातार हैकिंग की सूचना के बाद कंज्यूमर्स को एसएमएस के अलर्ट किया जा रहा है। उन्हें फ्रॉड से बचाने के तरीके के साथ समय-समय पर पिन बदलने की सलाह दी जा रही है। अगर आपके पास भी कोई ऐसा एसएमएस आता है, तो तत्काल अपनी ब्रांच में संपर्क कर एटीएम पिन चेंज करें या फिर बैंक से दूसरा एटीएम अलॉट करवा लें।

बरतें सावधानी

- किसी भी अंजान व्यक्ति को एटीएम का कार्ड नंबर और पासवर्ड न बताएं।

- बैंक अधिकारी अगर फोन करके आपकी अकाउंट डिटेल मांगता है तो कभी न दें, क्योंकि बैंक कंज्यूमर्स से डाटा नहीं मांगता।

- एटीएम का पासवर्ड हर दो माह में जरूर बदल दें।

- एटीएम यूज करते वक्त इस बात का ध्यान दें कि की-बोर्ड ठीक है या उस पर कुछ लगा तो नहीं है।

- अगर आपका मैग्नेटिक कार्ड है, तो इसे बदलकर नया कार्ड बैंक से जारी कराएं।

- अगर आपके खाते से बैलेंस निकाला गया है तो टोल फ्री नंबर पर फोन कर कार्ड ब्लॉक करवा दें।

- एटीएम यूज करते वक्त अगर वहां कोई मौजूद है, तो उसे बाहर कर दें, ऐसी कंडीशन में एटीएम पिन हैक होने का खतरा रहता है।

- सिर्फ अपने सिस्टम पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें, अगर किसी दूसरे सेट पर मजबूरी में यूज करना पड़ जाए तो उसमें वर्चुअल की-बोर्ड यूज करें।

किसी तरह के साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए साइबर सेल बनाया गया है। अगर किसी के साथ कोई फ्रॉड होता है तो शिकायत की जा सकती है। पुलिस भी समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के तरीके बताती है।

राजेश यादव, एसपी सिटी