अलग-अलग श्रेणी के टिकट
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, बीते कुछ समय से सूचना मिल रही थी एक गैंग आगरा, सुल्तानपुर व इलाहाबाद में ऑनलाइन लॉटरी का गोरखधंधा संचालित कर रहा है। यह भी पता चला कि जालसाज इन जिलों में सेंटर खोलकर तीन श्रेणियों सिल्वर, गोल्डन और डायमंड नाम से लॉटरी के टिकट बेचते हैं और हर घंटे एक वेबसाइट पर रिजल्ट आता है। इस सूचना पर एएसपी त्रिवेणी सिंह और उनकी टीम को जांच में जुटाया गया। जांच में पता चला कि जिस वेबसाइट पर रिजल्ट आता है वो फर्जी नाम-पतों पर विदेशी सर्वर पर होस्ट हैं। इस वेबसाइट पर सुबह 10 से शाम 7 बजे तक हर घंटे रिजल्ट आता है। टीम ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि यह गोरखधंधा आगरा से संचालित किया जा रहा है।
उगले साथियों के नाम
जानकारी मिलने पर टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर गैंग के मास्टरमाइंड इलाहाबाद निवासी संजय जायसवाल को दबोच लिया।उससे हुई पूछताछ के आधार पर सुल्तानपुर निवासी आकाश जायसवाल उर्फ अक्कू, आगरा निवासी मनु कुश्वाहा, रमन खुराना, कल्लू, केशू शर्मा, सनी उस्मानी, ज्ञान सिंह, राकेश कुमार, सुमित कुमार, चंद्रशेखर, आकिल, बिरजू कर्दम, सुरेश वर्मा, विशाल सैनी और तरेंद्र पाल सिंह को अरेस्ट किया।पुलिस ने उनके कब्जे से 6 लैपटॉप, 5 लॉटरी का टिकट निकालने वाली मशीन, तीन एलईडी, 23 मोबाइल फोन व 90 हजार रुपये नकद बरामद किये।एएसपी सिंह ने बताया कि अरेस्ट किये गए आरोपियों को नोएडा साइबर क्राइम थाना में दाखिल कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कई जिलों में खोल रखे हैं सेंटर
एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि सरगना संजय जायसवाल ने आगरा, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, ग्वालियर, भोपाल, हल्द्वानी, हरिद्वार में सेंटर खोल रखे थे।जहां डायमंड, गोल्डेन और सिल्वर कैटेगरी के टिकट बेचे जाते थे।रिजस्ट हर घंटे पर निकाला जाता था।जो 0 से 9 नंबर के बीच होता था।इन सेंटर्स पर टिकट प्रिंट करने वाली मशीन लगा रखी थी।सिल्वर का टिकट 12 रुपये बेचा जाता था।इसमें नंबर निकलने पर 100 रुपये मिलते थे।जबकि, गोल्डेन श्रेणी का टिकट 55 रुपये व नंबर निकलने पर 500 रुपये मिलते थे।डायमंड श्रेणी का टिकट 110 रुपये में बेचते थे और नंबर निकलने पर टिकट खरीदने वाले को 1100 रुपये का इनाम मिलता था.
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