- प्राइवेट स्कूलों में ऑनलाइन करा सकेंगे एडमिशन

- शिक्षा विभाग रख सकेगा एडमिशन का हिसाब

- डिजिटल इंडिया के तहत आरटीई की प्रणाली को किया जा रहा बेहतर

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DEHRADUN: गरीब और अपवंचित वर्ग के बच्चों को राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत एडमिशन दिलाने के लिए अब पैरेंट्स को शिक्षा विभाग के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब उन्हें आरटीई के तहत एडमिशन की जानकारी घर बैठे मिल सकेगी। यह सुविधा उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध होगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम ख्009 के तहत ऑनलाइन एडमिशन के लिए पोर्टल तैयार किया है। पोर्टल के जरिए शिक्षा विभाग एडमिशंस की मॉनिटरिंग भी कर सकेगा।

ख्भ् फीसद सीटों पर फ्री एडमिशन

प्राइवेट स्कूलों की पहली कक्षा में निशुल्क प्रवेश के लिए गरीब व अपवंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरटीई के तहत आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। प्रक्रिया फ्क् मार्च तक चलेगी। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय, आश्रम पद्धति विद्यालय और निजी स्कूलों की पहली कक्षा की ख्भ् फीसदी सीटों पर फ्री एडमिशन दिए जाएंगे।

प्रवेश के लिए कर सकेंगे आवेदन

योजना के तहत अपवंचित वर्ग जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति व अन्य पिछड़ी जाति, आठ हजार से कम वार्षिक आय वाली विधवा या तलाकशुदा माता पर आश्रित बच्चे, विकलांग व निशक्तजन, एचआईवी पॉजिटिव बच्चे या एचआईवी पॉजिटिव माता-पिता के बच्चे, दिव्यांग, निशक्त माता-पिता के बच्चे प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे अभिभावक जिनकी सालाना आय 80 हजार रुपए से कम हो या बीपीएल वर्ग के अभिभावकों के बच्चों भी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।

निजी स्कूलों के लगाने पड़ते थे चक्कर

अभी तक प्रवेश के लिए पैरेंट्स को शिक्षाधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होता था। उसके बाद उन आवेदनों पर डीएम का अनुमोदन होता है। फिर बच्चों को प्राइवेट स्कूल्स में प्रवेश के लिए भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में काफी वक्त लग जाता है। इसके अलावा पैरेंट्स को शिक्षा अधिकारी कार्यालय और निजी स्कूलों के चक्कर भी लगाने पड़ते थे। ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए पैरेंट्स को पोर्टल पर एडमिशन के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद उन्हें एसएमएस भेजा जाएगा। जिसके बाद वे सीधे स्कूल से संपर्क कर एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।

पोर्टल के जरिए ऑनलाइन एडमिशन डिजिटल इंडिया के तहत उठाया गया कदम है। इससे निश्चित रूप से अभिभावकों को मदद मिलेगी। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करना भी विभाग के लिए आसान होगा। किस स्कूल में कितने एडमिशन हुए हैं और कहां कितनी सीटें रिक्त हैं इसका पूरा डाटाबेस भी तैयार करना आसान होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया स्कूलों की मनमानी पर भी लगाम लगाने का काम करेगी।

तृप्ता शर्मा, नगर प्रभारी, आरटीई