-फेस्टिव सीजन पर ऑनलाइन कंपनियों के धमाकेदार ऑफर्स से लोकल मार्केट में खलबली

- ऑनलाइन मार्केट्स में करीब एक लाख करोड़ रुपए का बिजनेस होने की उम्मीद

- इंटरनेट तक पहुंच आसान होने से दिनों दिन बढ़ता जा रहा ऑनलाइन बाजार

KANPUR: फेस्टिव सीजन के शुरू होते ही ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने कस्टमर्स को लुभाने के लिए अट्रैक्टिव ऑफर्स के साथ जबरदस्त ब्रॉन्डिंग शुरू कर दी है। आम दिनों में ही इन ऑनलाइन कंपनियों की वजह से लोकल मार्केट्स डाउन रहता है, लेकिन फेस्टिव सीजन पर उनके धमाकेदार आगाज ने लोकल बाजार में खलबली मचा दी है। जानकारों के मुताबिक इस फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन मार्केट्स में करीब एक लाख करोड़ रुपए का बिजनेस होने की उम्मीद है। ऐसे में लोकल मार्केट्स को थोड़ी उम्मीद पारंपरिक त्योहारों से ही बची हैं। जिसमें लोग खरीदारी करने बाजार जरूर जाते हैं।

एक लाख करोड़ का टारगेट

कानपुर मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन मार्केट ने दुकानदारी पूरी तरह चौपट कर दी है। इस बार फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन सामान बेचने वाली बड़ी कंपनियों ने एक लाख करोड़ रुपए के बिजनेस का टारगेट बनाया है। कई बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने इन कंपनीज के बिजनेस को लेकर कई सर्वे किए हैं। इनमें इसका खुलासा हुआ है। इसके चलते ऑनलाइन कंपनियां अपनी ब्रांडिंग के साथ ही कस्टमर्स को एक से बढ़कर एक ऑफर्स भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब ऑनलाइन शॉपिंग में मिलने वाले ऑफर्स और रेट कस्टमसर्1 को लुभा रहे हैं।

4 दिन में 2000 करोड़ की प्लानिंग

धर्मेद्र के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी ने दीपावली से पहले चार दिनों में 2000 करोड़ के बिजनेस के लिए प्लानिंग की है। जिसके तहत उन्होंने विज्ञापन के माध्यम से लोगों तक अपनी स्कीम्स पहुंचाना शुरू कर दिया है। जिससे त्योहारी सीजन पीक पर पहुंचते ही लोग शॉपिंग के लिए कहीं और न जाएं। मार्केट एक्सपर्ट प्रो। विक्रमजीत सलूजा बताते हैं कि ऑनलाइन बाजार बढ़ने की मुख्य वजह है इंटरनेट की आसानी से पब्लिक तक पहुंच। इंटरनेट और स्मार्ट मोबाइल ने ऑनलाइन शॉपिंग में जबरदस्त उछाल ला दी है। उनके मुताबिक फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट यानि एफडीआई बढ़ने की वजह से इन कंपनियों ने काफी कम रेट पर सामान कस्टमर्स को ऑफर कर दिया है। जोकि लोकल मार्केट्स में अवेलेबल नहीं कराया जा सकता है। इसका फायदा भी ऑनलाइन माकेर्1ट को मिल रहा है।

पारंपरिक त्योहार हैं 'एक उम्मीद'

रेडीमेड कपड़े के शोरूम के ओनर अकील बताते हैं कि नवरात्रि से लेकर दीपावली तक ऐसे पारंपरिक त्योहार हैं, जिनमें लोग बाजार घूमने जरूर जाते हैं। ऐसी सिचुएशन में तब लोगों का ध्यान सजे हुए बाजार की ओर जाता है। जब लोग बाजार आएंगे तो कुछ खरीदारी भी करेंगे। यही एक उम्मीद है जिससे की कुछ मरहम लग सकता है। लेकिन पिछले वर्षो की अपेक्षा लोकल मार्केट्स में इस बार फेस्टिव सीजन के दौरान कम खरीदारी होगी, विभिन्न संस्थाओं की ओर से हाल ही में किए सर्वे ये बता रहे हैं। इसके बावजूद लोकल दुकानदारों को ये उम्मीद है कि त्योहार में कुछ चमत्कार जरूर होगा।

एक जगह से पूरे देश में बिजनेस

सिटी के फेमस शू-शोरूम के ओनर सोहेल बताते हैं कि ऑनलाइन मार्केट में शू की बिक्री पिछले एक साल में 30 प्रतिशत बढ़ी है। इसके पीछे रेट में डिफरेंट के साथ ऑफर्स भी हैं। उनके मुताबिक लोकल दुकानदार मल्टीनेशनल कंपनी की तरह छूट कस्टमर को ऑफर नहीं कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर ऑनलाइन कंपनीज का एक जगह ही ऑफिस है और वो पूरे देश में बिजनेस कर रही हैं, लेकिन लोकल मार्केट की बात करें तो एक शहर में एक शोरूम में ही बहुत खर्चे हैं। ऐसे में उनको निकालने के लिए उतने कम रेट पर या ज्यादा ऑफर्स लोकल लेवल पर हम लाेग नहीं दे सकते हैं

इस साल ज्यादा ऑफर्स

मार्केट एक्सपर्ट प्रो। विमल गुप्ता बताते हैं कि फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्नैपडील, माईग्राहक डॉट कॉम, ईबे डॉट इन, लेट्सबॉय डॉट कॉम, फ्यूचर बाजार डॉट कॉम, होम शॉप 18 डॉट कॉम, मिंत्रा डॉट कॉम समेत एक दर्जन से ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स ने पिछले साल की तुलना में इस बार कई स्पेशल ऑफर्स कस्टमर्स के लिए उतारे हैं। जिससे इस बार पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा बिजनेस होने की उम्मीद है। कई बिजनेस रिपोर्ट भी यही बता रही हैं कि ऑनलाइन बाजार में बूम लाने के लिए अभी कंपनियां ज्यादा ऑफर्स और छूट कस्टमर्स को दे रही हैं। जिससे लोगों की इसकी आदत पड़ जाए। क्योंकि अभी लोग छूट और ऑफर्स की वजह से अट्रैक्टिव हो रहे हैं ऐसे में उनकी ये स्ट्रेटजी काम आ रही है। लेकिन जब कस्टमर्स को पूरी तरह ऑनलाइन की आदत पड़ जाएगी तो ये भी संभव है कि इतने ऑफर्स और छूट तब न मिलें, लेकिन इसमें काफी समय है।

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ऑनलाइन के निगेटिव पहलू भी

एक्सपर्ट के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग का पॉजिटिव प्वाइंट है कि बाजार से कम दाम और ज्यादा छूट, लेकिन सबसे बड़ा निगेटिव प्वाइंट ये है कि अभी ऑनलाइन मार्केट से खरीदी गई चीजों की सर्विस काफी धीमी है। जबकि लोकल खरीदारी करने पर आप दुकानदार या नजदीकी सर्विस सेंटर पर जाकर अपनी प्रॉब्लम बता सकते हैं। कानपुर मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट धर्मेद्र कुमार बताते हैं कि हाल ही में कई शिकायतें कस्टमर्स ने की हैं जिनमें ऑनलाइन शॉपिंग में उनके साथ ठगी हुई है। लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में भी है। इसके अलावा कई शिकायतें ऐसी भी आई हैं कि ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद न ही सामान मिला और न ही पैसे वापस हुए। साइबर क्राइम के तहत पुलिस ने एक साल में करीब 123 मामले दर्ज किए हैं।