-संभागीय परिवहन कार्यालय इलाहाबाद में भी डेवलप हुआ सॉफ्टवेयर-फोर

ALLAHABAD: आरटीओ से जुड़े अनेक काम अब ऑनलाइन हो जाएंगे। प्रदेश सरकार के चुनावी घोषणा पत्र को अमलीजामा पहनाने की दिशा में इलाहाबाद का संभागीय परिवहन कार्यालय कदम बढ़ा चुका है। यहां ऑफिस में सॉफ्टवेयर-फोर डेवलप कर दिया गया है। इसके जरिए परिवहन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को न केवल ऑनलाइन कर दिया गया बल्कि लर्निग व परमानेंट लाइसेंस बनवाने से लेकर घर पर ही बैठकर उसकी फीस जमा करने व लाइसेंस का प्रिंट भी देने की सुविधा मिल गई है।

प्रदेश का 60वां जिला

भाजपा ने सरकार बनने के बाद प्रदेश के सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में लाइसेंस बनवाने के नाम पर दलाली प्रथा को समाप्त करने का वायदा किया था। इसके लिए मुख्यालय स्तर से सॉफ्टवेयर-फोर से जोड़ने का निर्णय हुआ था। इसकी शुरुआत दो महीने पहले लखनऊ से हुई थी। एआरटीओ प्रशासन आरएन चौधरी ने बताया कि दो फरवरी को सॉफ्टवेयर-फोर से इलाहाबाद का कनेक्ट किया गया है। इसके साथ ही इलाहाबाद सॉफ्टवेयर-फोर से जुड़ने वाला 60वां जिला बन गया है।

कर्मचारियों को मिलेगी ट्रेनिंग

आरटीओ इलाहाबाद के सॉफ्टवेयर-फोर से जुड़ने के बाद कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। एआरटीओ श्री चौधरी ने बताया कि सारथी भवन में एक सप्ताह तक कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि सर्वर की समस्या व सॉफ्टवेयर के तकनीकी पहलुओं को उन्हें आसानी से समझाया जा सके।

सॉफ्टवेयर-फोर की विशेषता

-घर बैठकर परिवहन विभाग की वेबसाइट parivahan.gov.in से लर्निग व परमानेंट बनवाया जा सकेगा। इसके लिए संबंधित अभ्यर्थी को अपने दस्तावेजों को स्कैन करके देना होगा।

-इसके बाद ऑफिस जाकर टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा। सफल अभ्यर्थियों के लाइसेंस वेबसाइट पर अपलोड हो जाएंगे। यहां से लाइसेंस प्रिंट किया जा सकेगा।

-लर्निग हो या परमानेंट लाइसेंस उसकी फीस जमा करने के लिए भी अलग से कॉलम रहेगा।

-दो पहिया व चार पहिया वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस व टैक्स का भुगतान करने को संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज दिया जाएगा।

-भारी वाहन के डॉक्यूमेंट्स ट्रांसफर की भी होगी फैसिलिटी।

वर्जन

शासन के निर्देश पर दलाली रोकने के लिए सभी ऑफिसेस में सॉफ्टवेयर फोर से जुड़ने को कहा गया था। लखनऊ, कानपुर व बरेली में समय लगने की वजह से इलाहाबाद में अब जाकर इसे मूर्त रूप दिया गया है। आप कहीं पर भी हों लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

-सगीर अहमद, आरटीओ