-राजनीति में जाना चाहता था निखिल, शौक ने जेल पहुंचा दिया

-नहीं बढ़ी रिमांड की अवधि, फिर से भेजा गया जेल

PATNA: तो राजनीति में आना चाहता है निखिल प्रियदर्शी। इसलिए उसने अपनी जान-पहचान हर पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं के साथ बढ़ाई। नेताओं और बड़े अधिकारियों के साथ जान-पहचान बढ़ाने के लिए ही उसने खुद को पूरी तरह से झोंक डाला था। नेताओं और बड़े अधिकारियों को घूमने के लिए अपनी ओर से लग्जरी और बड़ी गाडि़यां दिया करता था। वो अक्सर पार्टी ऑर्गनाइज्ड किया करता था। जिसमें बिहार के कई बड़े नेता और अधिकारी शिरकत करते थे। नेताओं की आव-भगत में वो देर रात तक लगा रहता था। पटना के अंदर ही ऑर्गनाइज्ड की गई उसकी पार्टियां देर रात तक चला करती थीं। इन पार्टियों में आने वाले हर बड़े शख्स का वो खास ख्याल रखता था। ये सब खुद को बड़ा दिखाने और बताने के लिए करता था। इन सारी बातों का खुलासा दो दिनों की पुलिस रिमांड के दौरान खुद निखिल ने किया है। सोर्स की मानें तो निखिल की महत्वकांक्षा खुद किसी पार्टी का नेता बनने की थी।

लड़की से थी सिर्फ दोस्ती

ब्8 घंटे की रिमांड के दौरन निखिल से पटना पुलिस और सीआईडी के अधिकारियों ने करीब भ्0 से भी अधिक सवाल पूछे। यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लड़की से दोस्ती और उससे जुड़ी बातों को लेकर कई सवाल निखिल पर दागे गए। अधिकारियों के सामने निखिल ने दोस्ती की बात कबूल तो की। लेकिन फिजिकल रिलेशन बनाने और शादी वायदा करने से वो लगातार इनकार करता रहा।

अब कैसे मिलेगा मोबाइल?

ऐसे तो यौन शोषण मामले में निखिल के खिलाफ पुलिस के पास कई ठोस सबूत हैं। लेकिन ठोस सबूतों में से एक निखिल का वो मोबाइल उनके पास नहीं है, जिससे यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लड़की के साथ उसकी बातें होती थी और चैट होती थी। दोनों के चैटिंग के सबूत उसी मोबाइल में है। रिमांड में हुए पूछताछ के दौरान निखिल से पुलिस वालों ने कई दफे मोबाइल के बारे में पूछा। लेकिन इस बारे में किसी भी वक्त उसने कोई ठोस जानकारी पुलिस को नहीं दी। अब तक ये मोबाइल पुलिस को नहीं मिला है।

पेशी के बाद भेजा गया जेल

गुरुवार को निखिल प्रियदर्शी के ब्8 घंटे की रिमांड की मियाद पूरी हो चुकी थी। जिसके बाद पुलिस टीम सबसे पहले उसे गार्डिनर रोड हॉस्पीटल ले गई। जहां उसका मेडिकल चेकअप कराया गया। फिर वहां से पुलिस की टीम निखिल को सिविल कोर्ट ले गई। वहां पर एससी-एसटी स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के बाद कोर्ट से सीधे पुलिस उसे बेउर जेल ले गई।