- डीएम ऑफिस में केवल 75 होटलों का पंजीकरण

- शहर में जगह-जगह खुले हैं अवैध होटल

- प्रशासन की लापरवाही से हर कोई खोल रहा है होटल

- प्रशासन जांच करे तो सैकड़ों होटल पाए जाएंगे फर्जी

Meerut: मेरठ में होटलों की कोई कमी नहीं है। यहां हर सड़क, हर चौराहा के पास कोई न कोई होटल ठहरने के लिए मिल जाएगा। खास बात यह है कि मेरठ में 7भ् होटलों को यदि छोड़ दिया जाए तो सभी होटल अवैध हैं। एडीएम सिटी ऑफिस से ली गई जानकारी के अनुसार मेरठ में केवल 7भ् होटल मालिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। नियमों को ताक पर रखकर बाकी होटल धड़ल्ले से चल रहे हैं।

लापरवाह बना हुआ है प्रशासन

मेरठ का हाल यह है कि सिटी के बीच हो या फिर आउटर में खूब होटल चल रहे हैं। होटलों में गलत एक्टिविटी तक होती है, जिनका परमीशन तक होटल स्वामी नहीं लेते हैं। कोई मानक पूरा न कर नियमों को ताक पर रखकर होटल चला रहे हैं, लेकिन प्रशासन अपनी लापरवाही तोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। जो होटल बिना परमीशन के चल रहे हैं, उन पर क्यों नकेल नहीं कसी जा रही है। यदि प्रशासन चाहे तो सभी इलीगल होटल का सर्वे कराकर कार्रवाई कर सकती है। प्रशासन यदि इस ओर जागरूक नहीं हुआ तो आने वाले समय में पुलिस प्रशासन को होटल में होने वाले बडे़ क्राइम झेलने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।

प्रशासन के पास नहीं है जानकारी

प्रशासन की लिस्ट में सराय एक्ट के तहत मात्र 7भ् होटल पंजीकृत हैं। इस लिस्ट के अलावा जो भी होटल खुले हुए हैं। यह सब अवैध हैं, जो बिना लाइसेंस के चल रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पंजीकृत होटलों के अलावा मेरठ सिटी और आउटर एरिया में कितने होटल चल रहे हैं, इसकी जानकारी तक प्रशासन के पास नहीं है। प्रशासन ने कभी इन होटलों पर नकेल कसने के लिए कोई प्लानिंग भी तैयार नहीं की है। अवैध होटल की लिस्ट तैयार की जाए तो शहर में आधे से ज्यादा होटल अवैध पाए जाएंगे।

अय्याशी करा रहे हैं होटल

होटल में शराब पीने के साथ ही अय्याशी हो रही है। कमरे में बंद युवक-युवतियां गलत कामों को अंजाम देते हैं। होटल मालिक इस पूरी हरकत में युवक-युवतियों का साथ देते हैं। इतना ही नहीं होटल में क्राइम भी खूब हो रहा है।

क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रकिया

रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पूरी प्रकिया होती है। प्रकिया पूरी करने के बाद ही लाइसेंस डीएम द्वारा जारी किया जाता है। डीएम ऑफिस में एक फॉर्म भरना पड़ता है, जो सिटी के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए एडीएम सिटी और देहात के लिए एडीएम एफ को जाता है। उनकी रिपोर्ट लगने के बाद मानक पूरे करने के बाद ही डीएम द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है।

जो होटल बिना लाइसेंस के चल रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। मैंने एडीएम सिटी को नोडल अधिकारी बनाया है। वह सर्वे कराकर जांच करेगें कि कितने होटल वैध हैं, जिनका पंजीकरण सराय एक्ट के तहत हो रहा है, कितने ऐसे होटल हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के जो होटल चल रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।

-पंकज यादव

डीएम