- वीआईपी मूवमेंट के लिए परिवहन डिपार्टमेंट के पास मात्र दो एम्बेंसडर कार

- मानक पूरा न करने पर चार गाडि़यों को ले लिया गया वापस

GORAKHPUR: परिवहन डिपार्टमेंट अब माननीयों की सेवा करने में खुद को असहाय महसूस कर रहा है। कारण माननीय यानि वीआईपी की सवारी के लिए उनके पास एम्बेंसडर कार ही नहीं है। केवल दो कार के भरोसे है 7 डिस्ट्रिक्ट में आने वाले वीआईपी। इससे पहले परिवहन डिपार्टमेंट के पास म् गाडि़यां थी लेकिन ओवरऐज होने के चलते चार गाडि़यों को वर्कशाप में खड़ा कर दिया गया।

परिवहन डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी

सिटी में बाहर से आने वाले वीआईपी (राज्य मंत्री, आयोग के अध्यक्ष व अन्य माननीय) के लिए परिवहन डिपार्टमेंट सरकारी गाड़ी उपलब्ध कराता है। डीएम के निर्देश पर ही परिवहन विभाग वीआईपी के लिए सरकारी एम्बेंसडर कार उनके चलने के लिए देता है, जिसका पूरा खर्च सरकारी खर्च में जुड़ता है।

मात्र दो गाडि़यों से भरोसे है डिपार्टमेंट

परिवहन डिपार्टमेंट के पास वर्तमान में मात्र दो एम्बेंसडर कार है। हालांकि इससे पहले म् एम्बेंसडर कार थी। एक गाड़ी को बनारस भेज दिया गया जबकि तीन अन्य गाडि़यों के ओवरएज होने के चलते एमडी के निर्देश पर वर्कशाप में भेज दिया गया। उनके अनुसार वीआईपी की सुरक्षा के मद्देनजर तीनों गाडि़यां कार्यरत नहीं है।

कहां-कहां की है जिम्मेदारी

गोरखपुर परिवहन डिपार्टमेंट के पास 7 डिस्ट्रिक्ट के वीआईपी को गाडि़यां उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है, जिसमें बस्ती मंडल और गोरखपुर मंडल शामिल है। इससे पहले एक गाड़ी बस्ती मंडल में रहती थी जो यहां आने वाले वीआईपी के लिए उपलब्ध होती थी। लेकिन अब मात्र दो गाडि़यां बची है जिससे गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर में आने वाले वीआईपी सवारी करते हैं।

एक साथ कई वीआईपी आने पर होती है प्रॉब्लम

परिवहन विभाग ने अंतिम बार क्9 जुलाई को देवरिया के सांसद कलराज मिश्र को एयरपोर्ट से देवरिया तक जाने के लिए गाड़ी उपलब्ध कराई थी। वहीं ख्म् जुलाई को राज्य मंत्री समाज कल्याण नरेन्द्र सिंह वर्मा को रेलवे स्टेशन से देवरिया ले जाने के लिए गाड़ी भेजी जानी है, जिसका डीएम ऑफिस से निर्देश पत्र भी परिवहन डिपार्टमेंट को पहुंच गया है। वीआईपी गाडि़यों का आवंटन करने वाले बाबू सुधीर का कहना है कि परेशानी तब खड़ी होती है जब कई वीआईपी का मूवमेंट होता है। मजबूरी में आस-पास के मुख्यालय से गाड़ी मंगवानी पड़ती है जिसके लिए अतिरिक्त ईधन लगता है।

मददगार होते हैं आस-पास के मुख्यालय

डिस्ट्रिक्ट में वीआईपी मूवमेंट या फिर सीएम और पीएम के कार्यक्रम लगने पर शासन के निर्देश पर वीआईपी के लिए कई गाड़ी उपलब्ध करानी होती है। ऐसे में डिपार्टमेंट के पास मात्र दो गाडि़यां है और डिमांड पर उन्हें आजमगढ़, बनारस, इलाहाबाद, फैजाबाद केन्द्र से वीआईपी के लिए एम्बेंसडर कार मंगवानी पड़ती है, जिसकी संख्या क्भ् से लेकर ख्0 तक होती है। उन गाडि़यों को मंगवाने के लिए अतिरिक्त ईधन का खर्च भी वहन करना पड़ता है।