सीएम की पहल ने दिखाया रंग
बीती 31 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने यूपी के डीजीपी डीजीपी के रूप में 1983 बैच के आईपीएस ओपी सिंह के नाम की घोषणा की थी। तभी से ओपी सिंह को केंद्र से रिलीविंग का इंतजार था। सूत्रों के मुताबिक पीएमओ व गृह मंत्री राजनाथ सिंह उन्हें डीजीपी बनाये जाने के पक्षधर नहीं थे। नतीजतन, उनकी रिलीविंग टलती जा रही थी। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने तय कर दिया था कि उन्हें रिलीव नहीं किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि यह खबर मिलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमान अपने हाथ में ली और केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में वार्ता की। उनकी पहल ने असर दिखाया और केंद्र ने उन्हें रिलीव करने पर अपनी सहमति दे दी।

ओपी सिंह ही बनेंगे डीजीपी,केंद्र से मिली हरी झंडी

लंबा कार्यकाल है वजह
वर्तमान में ओपी सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर डीजी सीआईएसएफ के पद पर तैनात हैं। उनका रिटायरमेंट दो साल बाद है। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि वे ऐसे अधिकारी को डीजीपी बनाना चाहते थे जिसका कार्यकाल लंबा हो। जल्दी-जल्दी डीजीपी बदलने से कानून-व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। चर्चा है कि शनिवार को सीएम योगी ने वाराणसी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी इस बारे मे बात की।

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