- बाजार में खुली बिक रहीं मिलावटी मिठाई
- संदेह होने पर एफडीए को दें सूचना, होगी र्कारवाई
Meerut। दिवाली को लेकर पूरा बाजार तरह-तरह की मिठाइयों से सजा हुआ है। ऐसे में मिलावटखोरों का धंधा भी खूब चल निकला है। मोटे मुनाफे के फेर में ये मिलावटखोर खाद्य पदार्थो में तमाम तरह के सिंथेटिक पदार्थ मिलाकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते हैं। जबकि त्योहारी सीजन में इस तरह के मामले अधिक दिखाई पड़ते हैं।
गांवों से चल रहा धंधा
फूड एंव ड्रग डिपार्टमेंट के अनुसार पिछले कुछ सालों में मिलावटखोरी का धंधा शहर की अपेक्षा गांवों में अधिक फैला है। एफडीए से जेपी सिंह ने बताया कि गांव में सस्ती लेबर और ईधन के कारण धड़ल्ले से मिठाइयां तैयार की जा रही हैं। यहां तक कि आसपास के शहर और दिल्ली एनसीआर तक गांवों में बनी मिठाइयां ही सप्लाई की जा रही हैं।
मिलावटखोरी का काला धंधा
त्योहारी सीजन में खोया या दूध से बनी मिठाई की मांग को पूरा करने के लिए मिलावटखोरी की जाती है। जेपी सिंह ने बताया कि छेना केवल गाय के दूध का बनता है, जबकि मांग अधिक होने पर भैंस के दूध का छैना तैयार किया जाता है, जिसमें स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं खोया में मिल्क पाउडर और रिफाइंड का यूज किया जाता है।
खुली मिठाई की ऐसे करें पहचान
- मिठाई को सूंघ कर देखें
- गहरे रंग की मिठाई न खरीदें
- चांदी का वर्क लगी मिठाई खरीदने से बचें
पैकिंग मिठाई से रहे सावधान
- मिठाई के डब्बे पर दी गई इंफोरमेशन जरूर पढ़ें
-एक्सपायरी डेंट देखें
- न्यूट्री इंफोरमेशन पढ़ें
- निर्माता या कंपनी का नाम देखें।
यहां दें सूचना
किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलावटखोरी का संदेह होने पर इसकी सूचना खाद्य एंव ड्रग डिपार्टमेंट को दे सकते हैं। डिपार्टमेंट ने इसके लिए अपना नंबर 0121 2604983 जारी कर रखा है।
मिलावट मिली तो सजा
-पैकिंग में पूरी इंर्फोमेशन न होने पर दो लाख तक का जुर्माना
- सब स्टैंडर्ड का सामान बेचने पर 5 लाख तक का जुर्माना
- सामान में हानिकारक पदार्थ पाए जाने पर 6 माह की सजा से आजीवन कारावास
यूपी में केवल 5 लैब
एफडीए के जेपी सिंह ने बताया कि डिपार्टमेंट में लैबोरेट्रीज की बड़ी कमी है। हर जिले में एक सरकारी लैब होनी चाहिए, वहीं पूरे प्रदेश में केवल 5 ही लैब हैं। ऐसे में डिपार्टमेंट में प्राइवेट लैब का सहारा लेना पड़ता है।
विभाग द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। ऐसे में सैंपल भरकर लैब को भेजे जाते हैं। सैंपल फेल होने पर कार्रवाई की संस्तुति कर दी जाती है।
-जेपी सिंह, एफडीए
खाद्य पदार्थो या हयूमन यूज की इस्तेमाल की चीजों में मिलावट करना संगीन अपराध है। यह इंसानियत के दायरे से भी बाहर है।
-इंद्रपाल सिंह, अध्यक्ष ड्रग एंड केमिस्ट एसोसिएशन
मिलावटखोरो पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। अधिकांश देखने में आया है कि कार्रवाई के नाम पर केवल सैंपलिंग ही की जाती है। यह गलत है।
-संजीत पटेल, अध्यक्ष छात्र संघ सीसीएसयू
बाजार के साथ हॉस्टल या यूनिवर्सिटी में भी कैंपेन चलाकर खाने पीने की चीजों के नमूने भरे जाने चाहिए। मिलावटखोरों को सजा मिलनी चाहिए।
-मनु, छात्र नेता सीसीएसयू