- और फैल गया आतंकी जांच का दायरा

- मूलगंज से हमीरपुर रोड तक कई गलियों को एनआईए ने खंगाला, वाजिदपुर में प्रिंसिपल हत्याकांड में किया सीन रीकंस्ट्रक्शन

- संदिग्ध आतंकी गौस मोहम्मद, फैसल के साथ पहुंची एनआईए की स्पेशल टीम, पतंगवाले से लेकर पंचरवाले तक पर निगाह

KANPUR:

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी यानि एनआईए ने शहर में यूपी का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है। 'ऑपरेशन कानपुर' के तहत एनआईए की स्पेशल टीम ने जांच शुरू कर दी है। पिछले कई दिनों से चल रही जांच के तहत ट्यूजडे को शहर में टीम ने कई घनी बस्तियों वाले एरियॉज में सघन अभियान चलाया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने कई लोगों से पूछताछ की। भोपाल पैसेंजर में ब्लॉस्ट और लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद से सामने आए आईएस के खुरासान मॉड्यूल ने एनआईए की जांच को कई दिशाओं में मोड़ दिया है।

कई एरियॉज की खींची फोटो

एनआईए टीम पहले जाजमऊ के सैफुल्लाह और पकड़े गए अन्य संदिग्ध आतंकियों व उनके रिश्तेदारों तक ही जांच में व्यस्त थी, लेकिन अब उसकी जांच का दायरा काफी बढ़ गया है। इसमें पंचर वाले से लेकर पतंग बेचने वाले भी शामिल हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के हाथ लगी जानकारी के मुताबिक घनी बस्तियों में पंचर की दुकान और पानी की दुकान वाले करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों से काफी लंबी पूछताछ की गई। टयूजडे को एनआईए की स्पेशल टीम लंबे तामझाम के साथ दो संदिग्ध आतंकियों को लेकर शहर पहुंची। इस दौरान एनआईए के ऑफिसर्स ने लोकल पुलिस और खुफिया के साथ मिलकर दिन भर शहर में कई जगह जांच की। कई जगहों पर फोटो खींची और कई इलाकाई लोगों से भी पूछताछ की। आईबी के पूर्व अधिकारी वीके सिंह का कहना है कि जिस तरह से एनआईए ने टयूजडे को कानपुर में काम किया। उससे यही लग रहा है कि आईएस के खुरासान मॉड्यूल की जड़ें शहर में जम चुकी हैं।

आतंकी को शूट करने की तैयारी

आईएस के संदिग्ध आतंकियों गौस मोहम्मद खान और फैसल को लेकर आई एनआईए टीम उन्हें वाजिदपुर भी ले गई। यहां पर उन्होंने प्रिंसिपल हत्याकांड के सीन का रीकंस्ट्रक्शन भी किया। टीम ने सीन में इस बात को साफ किया कि कैसे रिटायर्ड प्रिंसिपल को मौत के घाट उतारा गया? दरअसल इसके पीछे एक थ्योरी यह भी बताई जा रही है कि यह लोग किलिंग का वीडियो बना जेहादी जॉन की तरह उसे सोशल मीडिया पर रिलीज कर सकते थे जैसा कि आईएसआईएस ने दहशत फैलाने के लिए शुरुआत में किया था।

शहर के पीसीओ पर भी नजर

एनआईए के एसपी दीपक कुमार की अगुवाई में दिल्ली और लखनऊ से आई टीमें संदिग्ध आईएस आतंकी गौस मोहम्मद खान और फैसल को लेकर सबसे पहले चकेरी थाने पहुंची थी। यहां से एसपी पूर्वी, सीओ कैंट और चकेरी इंस्पेक्टर के साथ जाजमऊ में अच्छेलाल नाम के पंचर वाले से पूछताछ की। इसके बाद गौस मोहम्मद के केडीए कालोनी स्थित घर पहुंची, जहां उसके परिजनों से भी काफी लंबी पूछताछ की गई। इसके बाद फैसल के घर और फिर शीतला बाजार के पास स्थित एक पीसीओ पर भी पूछताछ की गई। जहां से मनी ट्रांसफर की भी सुविधा है। मॉड्यूल को फंड व दूसरे सामान की सप्लाई की चेन क्या थी, इसको भी एनआईए पता कर रही है।

मूलगंज थाने के पीछे भी

चकेरी से निकल कर एनआईए की टीम एसपी दीपक कुमार के साथ ही मूलगंज थाने के पास पहुंची, जहां उन्होंने शाहिद और जावेद पतंगवाले से काफी देर तक पूछताछ की। यहां से भी एनआईए को सामान खरीदे जाने का शक है। इसके बाद एसपी तो वहीं मौजूद रहे, लेकिन एक टीम हमीरपुर रोड की तरफ निकल गई। इससे पहले एनआईए जाजमऊ में सैफुल्लाह के घर के पास रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर के घर भी गई। वहीं पोखरपुर से लेकर कई जगहों पर फोटो भी खींची गईं। सूत्रों के मुताबिक उन जगहों पर कुछ लोगों पर नजर रखने के लिए एनआईए ने पुलिस को कहा है।

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एएमयू में भी फैलाया जाल

आईएस के खुरासान माड्यूल की जड़े कानपुर, लखनऊ के अलावा कई दूसरे शहरों से भी जुड़ी थीं, इसमें कई शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी आतिफ डिप्लोमा कोर्स कर रहा था। इसी दौरान वह खुरासान माड्यूल से जुड़ा। उसके संपर्क में यूनिवर्सिटी के कई स्टूडेंट्स थे। एनआईए की जांच में अब एक पहलू यह भी जुड़ गया है। माड्यूल का हेड बताये जा रहे गौस मोहम्मद ने कहीं किसी स्टूडेंट का तो माइंड वॉश नहीं किया। या फिर पढ़े लिखे स्टूडेंट्स के बीच अपनी साजिशों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाने को लेकर तो यह माड्यूल काम नहीं कर रहा था।

स्कूल से लौटते वक्त मारी थी गोली

चार महीने पहले चकेरी में तिवारी पुर में रहने वाले रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला की स्कूल से लौटते वक्त वाजिदपुर के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस को कुछ खास सुराग नहीं लगे थे। इसका खुालासा गौस मोहम्मद और फैसल की गिरफ्तारी के बाद ही हुआ।

उन्नाव भ्ाी गई टीम

एनआईए ने सिर्फ कानपुर में ही आतंकी साजिश के सबूत नहीं जुटाए बल्कि उन्नाव और हमीरपुर भी गई। उन्नाव में एनआईए की टीम ने रेलवे स्टेशन रोड स्थित मस्जिद और टिसियाना मोहल्ला स्थित शिया मस्जिद में जाकर भी जांच पड़ताल की। इस दौरान फैसल और गौस मोहम्मद भी उनके साथ थे। इस दौरान एनआईए ने कई जगहों पर फोटोग्राफी भी की।