RANCHI: बच्चों की गुमशुदगी के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए झारखंड में ऑपरेशन स्माइल चलाया जाएगा। गाजियाबाद में इस ऑपरेशन की सफलता को देखते हुए अब झारखंड में भी इसके जरिए गुमशुदा बच्चों के चेहरे पर स्माइल लाने की कोशिश की जाएगी। मिसिंग चाइल्ड के झारखंड में भयावह आंकड़े को देखते हुए पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से इस पहल के साथ रेस्क्यू कर बच्चों के घरों पर उन्हें सुरक्षित पहुंचाने की भी जिम्मेवारी उठाई जाएगी।

सभी स्टेट्स को ऑपरेशन स्माइल मॉडल फॉलों करने का निर्देश

पिछले महीने यूनियन होम मिनिस्ट्री की ओर से सभी राज्यों को ऑपरेशन स्माइल मॉडल फॉलो करने का निर्देश भी दिया गया था। इसके तहत पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में इस पर काम किया जाएगा, जिसमें गुमशुदा बच्चों की जांच कर उनका आंकड़ा तैयार कर उस पर काम किया जाएगा। इसमें सभी शेल्टर होम, प्लेटफॉर्म, बस स्टैंड, रोड साइड और मंदिरों में रह रहे गुमशुदा बच्चों का पता लगाकर उनकी जानकारी को स्टेट के हिसाब से मिनिस्ट्री ऑफ वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट को उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस पर्सनल्स को क्कह्रष्टस्ह्र एक्ट, छ्वछ्व एक्ट और प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स एक्ट की भी जानकारी दी जाएगी। इसके तहत दूसरे राज्यों में गुमशुदा परिस्थिति में रह रहे बच्चों की जानकारी जुटाकर उनके घर का पता लगाया जाएगा, फिर सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत कर उनका होम वेरिफिकेशन के साथ उनके पेरेंट्स को सौंप दिया जाएगा।

ऑपरेशन स्माइल यहां रहा सक्सेस

ऑपरेशन स्माइल के तहत गाजियाबाद पुलिस ने मात्र तीस दिनों में 227 ऐसे बच्चों की रिकवरी की, जो अपने घर से भटक कर दूसरे राज्यों में चले गए हैं। साथ ही उन्हें उनके घरों में भी पहुंचाया गया। यूनियन होम मिनिस्ट्री की ओर से जनवरी 2015 से सभी राज्यों की पुलिस को एक निश्चित कार्यशैली के तहत ऑपरेशन स्माइल पर काम करने का निर्देश भी दिया गया है।

वर्जन

ऑपरेशन स्माइल पर झारखंड में भी काम किया जा रहा है ताकि गाजियाबाद की तर्ज पर यहां भी मिसिंग बच्चों की रिकवरी की जा सके। मिसिंग बच्चों के आंकड़े जुटा कर उनका घर पता लगाया जाएगा। इसमें पुलिस पर्सनल को डायरेक्शन भी दिए गए हैं, साथ ही इसमें चाइल्ड एंड वीमेन डिपार्टमेंट और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को भी इनवॉल्व किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर एनजीओ की भी मदद ली जाएगी।

-संपत मीणा, आईजी, सीआईडी