गंगा बैराज के घने जंगलों में सुबह म् बजे कॉम्बिंग को निकली टीमों को काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। घने जंगल में पहुंचने के बाद एक जगह टीम रुक गई, क्योंकि कोहरे की वजह से काफी समस्या हो रही थी। आसपास का एरिया ही नहीं दिख रहा था। ऐसी सिचुएशन में करीब ब्भ् मिनट के बाद टीमें फिर आगे बढ़ीं। करीब दो घंटे कॉम्बिंग करने के बाद टीम फिर रेस्क्यू प्वाइंट पर आ गई। इस दौरान टीम ने कई प्वाइंट्स का निरीक्षण किया जहां बाघ के आने की संभावना थी।

ऑपरेशन के सीक्रेट प्वाइंट्स

टाइम-दोपहर 1.30 बजे

जगह-गंगा बैराज का घना जंगल

टीमें इस बार पहले से ज्यादा 'स्पेशल औजारों' से लैस थीं। करीब डेढ़ दर्जन टीमों के साथ आई नेक्स्ट टीम भी चल पड़ी। करीब एक किलोमीटर तक पैदल कॉम्बिंग करने के बाद अचानक आई नेक्स्ट रिपोर्टर की नजर कॉम्बिंग कर रहे कुछ लोगों पर पड़ी, वो कोई और नहीं बल्कि लखनऊ जू के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ। उत्कर्ष शुक्ला, डब्ल्यूटीआई के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ। सौरभ संघई, कानपुर जू के सीनियर डॉक्टर एके सिंह आपस में ऑपरेशन की प्लानिंग पर डिस्कस कर रहे थे। यह प्लानिंग बेहद सीक्रेट थी लेकिन आई नेक्स्ट आपको उससे भी रूबरू करा रहा है। टीम मेंबर्स के मुताबिक अब बाघ को लगाने वाला 'स्पेशल इंजेक्शन' मंगाया गया है। इस इंजेक्शन को लगाने में लंबी रेंज वाली ट्रंक्यूलाइजर गन का इस्तेमाल करने की बात की जा रही थी। करीब आठ दिनों से चल रहे इस ऑपरेशन को पूरा करने में मात्र क्भ् मिनट का टाइम लगेगा, क्योंकि डॉक्टर्स की बातचीत के मुताबिक स्पेशल इंजेक्शन का असर बाघ पर सिर्फ क्भ् मिनट ही रहेगा।

तीन से पांच मिली। का है इंजेक्शन

बाघ के जवान और काफी फुर्तीले होने की जानकारी लगने के बाद इस स्पेशल इंजेक्शन को मंगाया गया है। अभी तक साधारण इंजेक्शन से ही काम चलाने की बात की जा रही थी लेकिन अब 'डार्ट' ही लगाया जाएगा। यह इंजेक्शन उसको बेहोश करने के लिए कितना घातक है? इसका अंदाजा आप इसकी क्वांटिटी से ही लगा सकते हैं। खतरनाक और खूंखार बाघ के लिए सिर्फ फ् से भ् मिली। का इंजेक्शन ही काफी है। इस इंजेक्शन के बाघ को टच करते ही वो बेहोश हो जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि इंजेक्शन प्रेशर से लगेगा। इंजेक्शन लगते ही तुरंत ऑपरेशन की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।

200 मीटर की दूरी पर दूसरी टीम

आपस में इस प्लानिंग पर बात कर रहे एक्सपर्ट के मुताबिक इंजेक्शन लगने के बाद पहले से ही अलर्ट छह लोगों की टीम बाघ को दूर से डंडे या दूसरे माध्यम से चेक करेगी। जैसे ही वो टीम उसके बेहोश होने की पुष्टि हरा झंडा दिखाकर करेगी। वैसे ही करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित दूसरी टीम के मेंबर्स पिंजड़ा और जाल लेकर उस ओर बढ़ेंगे जहां बाघ होगा। इसके बाद तीसरी टीम तुरंत एक्शन में आएगी और वो जाल के वहां पहुंचते ही उसको बाघ के ऊपर डाल देगी। इसके बाद सिर्फ फ् से भ् मिनट में डॉक्टर्स बाघ को चेक करेंगे और तुरंत उसको पिंजड़े में डाल दिया जाएगा। अगर इस पूरी प्रक्रिया में जरा सी भी गड़बड़ी हुई या फिर देर हुई और बाघ को होश आ गया तो फिर उसको संभालना मुश्किल हो जाएगा। जिसके बाद वो पहले से कई गुना ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। इसलिए ऑपरेशन के लिए निर्धारित 15 मिनट बेहद अहम होंगे.

बाघ का वजन करीब 150 किलो

डॉ। सौरभ सिंघई के मुताबिक गंगा बैराज के जंगलों में घूम रहा बाघ काफी मजबूत है। उसका वजन करीब क्भ्0 किलो के आसपास है। इस वजह से इस इंजेक्शन का यूज किया जा रहा है। अगर बाघ बूढ़ा होता तो उसको दूसरे इंजेक्शन भी लगाए जा सकते थे, लेकिन इस पर यही इंजेक्शन काम करेगा.

बाघिन की यूरिन का यूज

बाघ के खूंखार और इंसानी बस्ती की ओर रुख करने की खबर से अब टीमों ने उसको पकड़ने के लिए हर प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक अब बाघिन की यूरिन का इस्तेमाल करने की योजना टीमें बना रही हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक चूंकि बाघ की सूंघने की क्षमता काफी ज्यादा होती है और वो काफी दूर से ही इसका अंदाजा लगा लेता है कि महक किसकी है। ऐसे में टीम की योजना है कि बाघिन की यूरिन लाकर उसको एक सुनिश्चित स्थान से लेकर करीब ख्भ्0 मीटर की दूरी पर डाला जाएगा जिसके बाद वो उसको सूंघता हुआ वहां आ जाएगा.

दलदल में फंस गई गाड़ी

डॉ। एके सिंह ने बताया कि गंगा बैराज के जंगलों का काफी हिस्सा दलदली है। इस वजह से ऑपरेशन में कभी-कभी बहुत समस्या आती है। ट्यूजडे को ऑपरेशन के दौरान एक रेस्क्यू वैन दलदल में फंस गई, उसको निकालने की काफी कोशिश की गई लेकिन वो नहीं निकली। करीब एक घंटे बाद टोचिंग करके उस गाड़ी को निकाला जा सका

 16 घंटे कॉम्बिंग, थके टीम मेंबर्स

बाघ को पकड़ने के लिए डेढ़ दर्जन टीमें करीब क्8 घंटे कॉम्बिंग कर रहीं हैं। ऐसे में कहीं थोड़ा टाइम मिलता है तो वो भी सुस्ता लेते है। जिसको जहां जगह मिलती है वो वहां रेस्ट कर लेता है। टीम मेंबर्स काफी थक चुके हैं, क्योंकि जैसे ही किसी सूत्र से सूचना मिलती है कि बाघ वहां दिखाई दिया। वो दलबल के साथ उधर पहुंच जाते हैं। सूत्रों की मानें तो अब टीमों पर शासन की तरफ से भी काफी दबाव पड़ रहा है।