RANCHI: रंगों कात्योहार होली अगले सप्ताह मनाया जाएगा। राजधानी में होली का बाजार पूरी तरह सज चुका है। अपर बाजार के अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में रंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ नजर आ रही है। इस बार आर्गेनिक रंग बाजार में आ चुके हैं। अधिकतर दुकानदारों ने आर्गेनिक रंग का स्टॉक मंगा कर रखा है। दुकानदारों का भरोसा है कि इस बार होली में आर्गेनिक रंग की डिमांड रहने वाली है। ऐसे में इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ये कलर इको फ्रेंडली होते हैं। इससे स्किन पर किसी तरह का साइड अफेक्ट भी नहीं होता है।

भागलपुर, पलामू से आ रहा रंग

रांची शहर में बिहार से रंग पहुंच रहा है, इस बार रांची के बाजार में पलामू के पलाश के फूल से बने रंग की बहुत डिमांड अभी से ही देखी जा रही है। अपर बाजार स्थित विनोद स्टोर के विनोद कुमार ने बताया कि हमलोग बिहार के अलावा उतर प्रदेश से भी रंग मंगाते हैं। लेकिन इस बार झारखंड के पलामू जिले में पलाश के फूल से बने रंग की डिमांड ज्यादा है। कस्टमर्स भी इसी कलर की ज्यादा डिमांड कर रहे हैं।

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महंगा होने के बावजूद हर्बल पसंद

पिछले कुछ वषरें से हर्बल रंगों की मांग तेजी से बढ़ी है। इनमें अबीर-गुलाल और पानी के रंग भी शामिल हैं। गणेश ब्रांड के रंग महंगे होने के बावजूद अधिक बिक रहे हैं। लोग सस्ते रंगों की जगह महंगे हर्बल रंगों को प्राथमिकता दे रहे हैं। अपर बाजार स्थित रंगों के थोक विक्रेताओं की मानें, तो पिछले साल की अपेक्षा होली का सामान 10 परसेंट महंगा है। इसके बावजूद अच्छी डिमांड है।

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करोड़ों का होगा होली बाजार

थोक विक्रेताओं के अनुसार, रांची में इस बार करोड़ों रुपए का रंग और होली के सामान बिकने की उम्मीद है। रांची में होली का सामान बेचने वाले 800 से 850 के करीब खुदरा व्यापारी हैं। कई खुदरा व्यापारी जिनकी बिक्री अधिक है, वो खुद हाथरस, कोलकाता और दिल्ली जाकर सामान खरीदकर ला रहे हैं। थोक विक्रेता 100 टन के करीब अबीर-गुलाल और 50 टन पानी के रंग बेच लेते हैं। इसी तरह 10 से 15 टन पेस्ट कलर भी बिक जाता है। अच्छी क्वालिटी के हर्बल अबीर गुलाल 150 से 300 रुपए किलो हैं।