सेवानिवृत्त अध्यापक को बकाया वेतन पर दो माह में बीएसए लें निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुलन्दशहर को सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक के बकाया वेतन भुगतान करने पर दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। शिक्षा सत्र में बदलाव के चलते 31 मार्च 2016 को सेवानिवृत्त हुए याची अध्यापक को जुलाई से नवम्बर 2015 के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। जिस पर यह याचिका दाखिल की गयी थी।

यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने फूल सिंह की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता गिरीश चन्द्र यादव का कहना था कि अंगद यादव केस में हाईकोर्ट ने बकाया वेतन देने का आदेश दिया है और अध्यापकों को बकाया वेतन पाने का हकदार माना है। कोर्ट ने बी.एस.ए। को अंगद यादव केस पर विचार करते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

हरिजन उत्पीड़न मामले की सुनवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के निवासी रणधीर सिंह उर्फ रणवीर सिंह के खिलाफ मारपीट व हरिजन उत्पीड़न को लेकर आजमगढ़ में कायम मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है और विपक्षी श्रीमती चम्पा देवी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा ने रणधीर सिंह की आरोप पत्र की वैधता चुनौती याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता निर्विकल्प पांडेय का कहना है कि महाराजगंज थाने में दर्ज आपराधिक मामले में कानपुर में निवास कर रहे याची को भी फंसाया गया है। पुलिस ने बिना ठोस साक्ष्य के चार्जशीट भी दाखिल कर दी है और मजिस्ट्रेट ने सम्मन भी जारी कर दिया है। इससे पूर्व 2014 में जमीनी विवाद की शिकायत याची के खिलाफ दर्ज हुई थी। सीओ महाराजगंज ने घटना को मनगढ़ंत बताते हुए रिपोर्ट दी। लेकिन पुलिस ने याची व अन्ना के खिलाफ चार्जसीट दाखिल कर दी।

ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न केस की सुनवाई पर रोक-जवाब तलब

हाईकोर्ट ने इटावा में दर्ज दहेज उत्पीड़न मामले में पुत्र बहू से वर्षोँ से अलग रह रहे 78 वर्षीय ससुर को राहत देते हुए मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है और 6 सप्ताह में विपक्षियों से जवाब मांगा है।

यह आदेश जस्टिस राजुल भार्गव ने ओम नारायण त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता निर्विकल्प पांडेय ने बहस की। याची का कहना है कि उसके पुत्र कृष्ण कुमार त्रिपाठी का विवाद 14 वर्ष पूर्व हुआ था। तभी से वह अपनी पत्‍‌नी के साथ उसके मायके इटावा में रह रहा है। 2016 में प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिससे याचिका सरोकार नहीं है। उसे परेशान करने के लिए दहेज उत्पीड़न केस में फंसाया गया है।