अधिकतर शराब की दुकानों में नहीं है बिल मशीन

उपभोक्ताओं के बिल न मांगने का फायद उठाते हैं शराब के दुकानदार

amit.raturi@inext.com

DEHRADUN: राजधानी की अधिकतर शराब की दुकानों में ओवर रेट पर शराब बेची जा रही है। बिल मांगने पर शराब कारोबारी द्वारा बिल नहीं दिया जाता। यदि किसी ग्राहक ने बिल मांग भी लिया तो उसे बिल नहीं दिया जाता। इसका भी एक कारण है, अधिकतर शराब की दुकानों में बिल मशीन नहीं है। साथ ही साथ ग्राहक फजीहत से बचने के लिए बिल की डिमांड नहीं करता। जागो ग्राहक जागो की पंच लाइन चरितार्थ हो जाए तो शराब की दुकानों पर ओवर रेट पर शराब बिकनी बंद हो जाए। लेकिन आबकारी विभाग का रवैया उदासीन होने के कारण शराब के दुकानदार इसका फायदा उठाते हैं।

दून में है 7फ् शराब की दुकान

दून सिटी में लगभग 7फ् शराब की दुकानें अधिकृत हैं। जिनमें कुछ को छोड़ अधिकतर दुकानों में बिल मशीन नहीं है। जबकि आबकारी विभाग का सख्त निर्देश है कि दुकान में बिल मशीन होना अनिवार्य है। लेकिन शराब व्यवसाई इन निर्देशों की हवा निकाल रहे हैं और उपभोक्ताओं से मनमाने तौर पर वसूली कर रहे हैं। शिकायतों के बाद भी जिले का आबकारी महकमा चैन की नींद सो रहा है। यहां तक कि उपभोक्ताओं ने विभाग पर मिली भगत का आरोप भी लगाया है। इसका एक कारण और भी है। उपभोक्ताओं के जागरूक न होना। शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब इस बात की जनता से पड़ताल की तो कई सारी बातें सामने देखने को मिली।

दुकानदार बिल को लेकर मनमानी करते हैं। कई बार बिल की मांग करने पर दुकानदार धौंस दिखाते हैं। दुकानदारों का कहना होता है कि शराब लेना है तो लो वरना दुकान से निकलो। ऐसे में उपभोक्ता बिना जहमत उठाए चुपचाप वहां से चले जाते हैं।

अनिल रमोला

बिल को लेकर दुकानदारों के साथ उलझना पड़ता है। कई बार बिल मांगा जाता है। लेकिन दुकानदार बिल देने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में दुकानदार ओवर रेट पर शराब बेच रहे हैं।

राहुल सोनकर

ना तो जिले का आबकारी विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार है और ना ही वह उपभोक्ताओं की शिकायत पर कोई कार्रवाई करता है। ऐसे में ग्राहक जाएं तो जाएं कहां।

हरजीत सिंह

आबकारी विभाग को शराब की दुकानों में औचक निरीक्षण करना होगा। विभाग की हीलाहवाली के चलते दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। हो ना हो विभाग की ही सह पर दुकानदार उपभोक्ताओं को बिल नहीं दे रहे हैं।

संजय कुमार

आबकारी विभाग सिर्फ शहर में शराब की दुकानों को लाइसेंस देने के लिए बनाया गया है। दुकानें आवंटित होने के बाद विभाग मॉनिटरिंग तक नहीं करता। आबकारी विभाग चैन की नींद सो रहा है।

रोशन राणा

अक्सर होता यह आया है कि उपभोक्ता बिल मांगता है। लेकिन उसे बिल नहीं दिया जाता। यह समस्या आज से नहीं काफी समय से बनी हुई है। लेकिन विभाग इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझ रहा है।

विक्रम कुमार

क्या कहते हैं अधिकारी

शराब की दुकानों में बिल देने का प्रावधान रखा गया है। प्रत्येक दुकानों से पक्का बिल दिया जाएगा। अगर कोई दुकानदार बिल देने में आनाकानी करता है तो तुरंत इसकी सूचना विभाग को करें।

युगल किशोर पंत, आबकारी आयुक्त