इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्टडीज के नव प्रवेशी छात्रों को संस्थापक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने दिया पत्रकारिता मंत्र allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: पत्रकारिता का उद्देश्य यही होना चाहिए कि वह लोगों को अच्छे विचार दे। हिन्दी पत्रकारिता अपनी बनावट के समय से आज तक गम्भीरता के साथ इस उद्देश्य को पूरा करती आ रही है। यह बातें भोपाल माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान के संस्थापक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने कही। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्ट्डीज के विभिन्न पाठ्यक्रमों के नव प्रवेशी छात्रों को यहां सम्बोधित कर रहे थे।

आठ सम्पादकों को 90 वर्ष की सजा

'हिन्दी पत्रकारिता के बदलते आयाम' विषय पर श्रीधर ने कहा कि हमने स्वतंत्रता आन्दोलन के समय की पत्रकारिता से संपादकीय नैतिकता व आदर्श की शिक्षा ली, और अपने देश व समाज को बनाने का काम किया। उन्होंने महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी, माधव राव सप्रे की पत्रकारिता के साथ ही इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले 'स्वराज्य' नामक उर्दू साप्ताहिक व उसके सम्पादकों के योगदान को सराहा। कहा कि ऐसा उदाहरण विश्व की पत्रकारिता में कहीं नहीं मिलता कि एक अखबार के आठ सम्पादकों को 90 वर्ष की सजा दी गई हो। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह संकल्प लें कि वे पत्रकारिता के माध्यम से देश व समाज की बेहतरी के लिए काम करेंगे। प्रारम्भ में सेन्टर के कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ। धनंजय चोपड़ा ने पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर का परिचय दिया। डॉ। धनंजय चोपड़ा ने कहा कि श्रीधर द्वारा स्थापित समाचार पत्र संग्रहालय देश का अकेला संग्रहालय है, जो पत्रकारिता को अधिक बेहतर ढंग से समझने का अवसर देता है। इसी लिए सप्रे संग्रहालय को पत्रकारिता का तीर्थ कहा जाता है।