रिजवान अख्तर बने नए आईएसआई चीफ

पाकिस्तान ने अपनी सीक्रेट एजेंसी आईएसआई में जनरल रिजवान अख्तर के चीफ के रूप में नियुक्त किया है. यह नियुक्ति ऐसे वक्त हुई है पाकिस्तान के आंतरिक हालात किसी सूरत में अच्छे नही हैं. नवाज शरीफ सरकार इमरान खान और कादरी के समर्थकों को रोष झेल रहे हैं. इन हालातों में अख्तर की आईएसआई चीफ के रूप में नियुक्ति सेना को पाकिस्तान के विदेशी मामले हैंडल करने में मदद कर सकती है. गौरतलब है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में बड़े अंतर आए हैं. ऐसे में एक आतंकवाद विरोधी आर्मी पर्सन की आईएसआई चीफ के रूप में नियुक्ति काफी अहम है.

अमेरिका में पढ़े-लिखे हैं जनरल अख्तर

जनरल रिजवान अख्तर ने अमेरिका की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी और आर्मी वार कॉलेज में पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के क्वेटा स्थित कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन भी किया है. गौरतलब है कि अपने सैन्य जीवन में जनरल अख्तर आईएसआई चीफ बनने से पहले इन्फैंट्री ब्रिगेड और इन्फेंट्री डिविजन को लीड कर चुके हैं.

चरमपंथ विरोधी ऑपरेशंस में माहिर अख्तर

जनरल रिजवान अख्तर को चरमपंथियों को जड़ से उखाड़ फैंकने में महारथ हासिल हैं. इनकी इस खूबी को देखते हुए पाकिस्तानी आर्मी ने उन्हें 2007 से 2010 के बीच में दक्षिणी वजीरिस्तान इलाके में तैनात किया था. उल्लेखनीय है कि दक्षिणी वजीरिस्तान इलाका आतंकवादी गतिविधियों से ग्रस्त सूबा है. इसके बाद जनरल रिजवान को कराची शहर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया. उनके करीबी सूत्रों के अनुसार रिजवान ने कराची जैसे शहर में निष्पक्ष रहकर काम किया है और कराची को आतंकी गतिविधियों से दूर रखा है. इसके अलावा कराची शहर को आतंकियों से मुक्त कराने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे जनरल अख्तर ने लीड किया था. इससे जनरल अख्तर ऑपरेशन कराची के हीरो बनकर सामने आए थे.

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