-कोर्ट के आदेश के बाद भी रिहा नहीं हो पा रहा है सेंट्रल जेल में 16 सालों से बंद कैदी

-कागजी कार्रवाई फेर में फंसी है रिहाई, विदेश मंत्री चाह लें तो अपने वतन पाक लौट सकता है जलालुद्दीन

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नाम- जलालुद्दीन, उम्र 40 साल

पिता- अमीरुद्दीन

पता- मकान नंबर बी 78, विशाल नगर कॉलोनी ढाबेजी, पो। गरीबाबाद, थाना गरीबाबाद, प्रांत सिंध- जिला ठट्ठी, पाकिस्तान

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी ये उस पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन की डिटेल है जो बनारस की सेंट्रल जेल में पिछले 16 साल से बंद है। अपनों से मिलने की इच्छा लिए ये यहां काल कोठरी में एक एक पल यही सोच कर काट रहा है कि उसकी रिहाई जल्द होगी लेकिन ऐसा हो न सका। कोर्ट से रिहाई का आदेश भी आ चुका है लेकिन कागजी कोरम पूरा न होने के कारण इसकी रिहाई अब तक लटकी हुई है। इसलिए अगर आप चाह लेंगी तो हो सकता है कि जलालुद्दीन अपने मुल्क वापस लौट जाये। इससे इंडिया-पाकिस्तान के रिश्ते तो सुधरेंगे ही, भारत का नाम भी मानवता के नजरिये से विश्व में और ऊंचा होगा।

ट्रैवलिंग रिपोर्ट का इंतजार

बता दें कि बनारस में 16 साल पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत के ठट्ठी जिले के रहने वाले जलालुद्दीन उर्फ जलालु को पकड़ा गया था। 2003 में उसे कोर्ट ने 33 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से वो अब तक जेल में है। जेल सोर्सेज की मानें तो जलालुद्दीन को इतनी सजा कई अलग अलग मामलों में हुई थी। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में सारे मुकदमों को एक साथ कर सजा सुनाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जलालुद्दीन की सजा कम कर 16 साल कर दी। इसके बाद 14 अगस्त को जलालुद्दीन की रिहाई का आदेश सेंट्रल जेल प्रशासन को भी मिल चुका है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि नये सिरे से मुकदमों की सुनवाई के बाद जलालुद्दीन की जो 16 साल की सजा थी वो पूरी हो चुकी है। इसलिए उसे रिहा कर दिया जाये लेकिन इस आदेश के बाद भी जेल प्रशासन को अब उस ट्रैवलिंग रिपोर्ट का इंतजार है जो गृह मंत्रालय से आनी है। इसके मिलने के बाद ही जलालुद्दीन को बाधा बार्डर तक छोड़ने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी।

अब LIU का है काम

-रिहाई के आदेश के बाद एलआईयू कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है

-एलआईयू की ओर से जलालुद्दीन को बाधा बार्डर छोड़ने के लिए रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है

-गृह मंत्रालय इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेने के बाद पाकिस्तानी आला कमान से बात कर जलालुद्दीन को जेल से छोड़ने का आदेश देगा

-इसके लिए ट्रैवलिंग लेटर एलआईयू को आयेगा

- जिसे जेल प्रशासन को दिखाकर पुलिस कस्टडी में जलालुद्दीन को लेकर भारत-पाक सीमा पर उसे छोड़ा जायेगा

पास से मिले थे कई दस्तावेज

जलालुद्दीन की कैंटोन्मेंट में एयर फोर्स ऑफिस के पास से जब गिरफ्तारी हुई थी तो उसके पास से यहां मौजूद आर्मी कैंप के अलावा कई महत्वपूर्ण जगहों के नक्शे भी बरामद हुए थे। जिसके बाद ख्00फ् में उसे कोर्ट ने सजा सुनाई थी।

जेल में प्यार का नाम है जलालु

जलालुद्दीन है तो पाकिस्तान से लेकिन अपने रहन सहन और अच्छे व्यवहार के चलते वह जेल में हर किसी का चहेता है। क्रिकेट हो या कबड्डी, पेंटिंग हो या फिर कोई अन्य एक्टिविटी सबमें जलालु आगे रहता है। जेल में क्म् सालों के दौरान उसने खेती बारी समेत दूसरे काम करके अच्छे रुपये भी कमाये हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि जलालुद्दीन का व्यवहार हर के प्रति इतना सहज है कि सब उसे प्यार से जलालु बुलाते हैं।

जलालुद्दीन की रिहाई का आदेश तो कोर्ट से आ गया है लेकिन अभी गृह मंत्रालय की ट्रैवलिंग रिपोर्ट नहीं आई है। एलआईयू की ओर से रिपोर्ट भेजी चुकी है। जिसके बाद गृह मंत्रालय पाकिस्तानी हाई कमान से बात कर ट्रैवलिंग रिपोर्ट भेजेगा। इसके आते ही जलालुद्दीन को पंजाब के बाधा बार्डर पर पाकिस्तानी सीमा पर छोड़ दिया जायेगा ताकि वो अपने वतन वापस जा सके।

डीपी सिंह, डिप्टी जेलर