GST portel से जुड़ेगा पैनकार्ड, फर्जीवाड़ा करने वाले व्यापारियों पर कसेगी नकेल

ALLAHABAD: एक ही पैन कार्ड पर कई फर्मो को संचालित करके टैक्स चोरी करने वाले निगाह में चढ़ गए हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट को पहले नहीं थी। लेकिन, कभी इसे सीरियसली नोटिस ही नहीं लिया गया। नतीजा बिजनेस चलता रहा। अब जबकि सरकार ने व्यापारियों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है तो यह पोल भी खुलने लगी है। इलाहाबाद में अभी तक करीब पचास फीसदी व्यापारियों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और एक ही पैनकार्ड पर कई व्यवसाय करने वाली तीन सौ से अधिक फॅ‌र्म्स चिन्हित की जा चुकी हैं। प्रदेश में यह आंकड़ा ढाई हजार को पा कर चुका है तो सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने नजर टेढ़ी कर ली है।

अब छिप नहीं पाएगी चोरी

जीएसटीएन में रजिस्ट्रेशन के दौरान वेरीफिकेशन शुरू हो चुका है। इसी दौरान यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। इसके आधार पर व्यापारियों को नोटिस जारी कर दी गई। नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों में हड़कंप मच गया। कुछ ऐसे थे जो करेक्शन कराने पहुंच गए तो कुछ ने फॅर्मो को बंद कर देने में ही अपनी भाई समझी। जीएसटी में पैन नंबर के बेस पर ही बिजनेस को आगे बढ़ाया जा सकेगा। पैन नंबर जीएसटी पोर्टल पर दर्ज होगा। इसलिए हेराफेरी की संभावना कमजोर हो गई है। इसी के चलते व्यापारियों ने अपने को बैकफुट पर कर लिया है।

एक पैन पर एक से अधिक फर्म सशर्त

जीएसटीएन में एक पैन नंबर से कोई बिजनेसमैन एक से अधिक फर्म का पंजीयन ले सकता है। लेकिन, वह व्यवस्था दूसरी है। जैसे कोई व्यक्ति कई वस्तुओं का व्यापार करना चाहता है और अलग-अलग पंजीयन लेना चाहता है, तो उसमें व्यवस्था की गई है। इसके लिए उसे जानकारी देना पड़ेगा कि एक पैन से उसकी कितनी फर्मे हैं। डिफरेंट बिजनेस के लिए एक पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन विभाग में कागजी कोरम पूरा करने के बाद। इसी के आधार पर अलग-अलग टैक्स कैल्कुलेशन होगा और उसे संबंधित व्यापारी को पे करना होगा। माना जा रहा है कि जीएसटीएन रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद यह आंकड़ा और बड़ा हो जाएगा। वैसे बता दें कि यह खेल केवल इलाहाबाद नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खेला जा रहा है। इसे बंद करना अथवा बिजनेस की पूरी जानकारी देना व्यापारियों की मजबूरी बन जाएगी।

16 हजार ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन

16 दिसंबर से जीएसटीएन में रजिस्ट्रेशन का अभियान शुरू होने और लगातार तीन बार रजिस्ट्रेशन की डेट बढ़ने के बाद भी इलाहाबाद के व्यापारी जीएसटीएन नंबर लेने में काफी पीछे हैं। सेल टैक्स डिपार्टमेंट में 37 हजार व्यापारी रजिस्टर्ड हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लास्ट वीक तक केवल 19 हजार 500 व्यापारी ही जीएसटीएन नंबर ले सके हैं। करीब 16 हजार 500 व्यापारी अभी तक जीएसटीएन नंबर नहीं ले सके हैं। अगर सेंट्रल गवर्नमेंट ने यूपी में चल रहे रजिस्ट्रेशन अभियान को अचानक बंद कर दिया तो सोलह हजार व्यापारियों के लिए जीएसटी में बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा।

जीसएटी में रजिस्ट्रेशन की साइट खुली हुई है। इसलिए अभी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। लिखित में कुछ नहीं आया है। करीब साढ़े 19 हजार व्यापारी अब तक जीएसटीएन में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। 16 हजार व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराना है। एक पैन नंबर पर कई फर्मो का रजिस्ट्रेशन करने के कई मामले सामने आए थे, जिन्हें सही करा दिया गया है।

एलआर गुप्ता, असिस्टेंट कमिश्नर, वाणिज्य कर, ग्रेड टू