ALLAHABAD: किशोरी का पिता पंचायत का फैसला मानने को मजबूर है। उसका साथ न तो पुलिस दे रही है और न पंचायत। मामले की जानकारी से पुलिस अनभिज्ञता जता रही है। एक गांव की एक किशोरी पांच दिन पूर्व घर से शाम को शौच के लिए खेतों की ओर निकली थी। खेत में ही घात लगाकर बैठे गांव के ही एक युवक ने उसके साथ दुराचार किया और कहीं बताने पर बदनाम करने की धमकी भी दी। बदहवास हालत में घर पहुंची किशोरी ने मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी। किशोरी के पिता ने अगले दिन घटना की सूचना थाने मे दी।

 

पीडित का आरोप है कि पुलिस ने समाज मे होने वाली बदनामी का हवाला देते हुए अपने स्तर पर समझौते की बात कही और वापस भेज दिया। इधर एक ही बिरादरी के होने के चलते आरोपी परिवार के सदस्यों ने पीडि़त परिवार के ऊपर दबाव बनाते हुए समझौते के लिए पंचायत बुला ली। दो दिन तक चली पंचायत में आखिर किशोरी की पंचायत के मुखियाओं ने 80 हजार लगाते हुए आरोपी के परिवार को चुकाने की हिदायत दे दी। पीडि़त का आरोप है कि पुलिस के साथ नहीं देने पर उसके साथ इस तरह की ज्यादती की जा रही है।

 

इस बाबत थाना प्रभारी मऊआइमा का कहना है कि ऐसी किसी प्रकार की तहरीर उनके पास नही आई और न ही घटना की जानकारी है। यदि पीडि़त आकर तहरीर देता है तो कार्यवाही की जाएगी। सीओ सोरांव जितेन्द्र गिरी का कहना है कि घटना की जानकारी उनके पास नहीं है। यदि ऐसी घटना हुई तो जांच कराकर स्वत: संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही के निर्देश दिया जाएगा।

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